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Katyayani Mata : कात्यायनी माता ― विवरण, मंत्र, स्तोत्र और आरती

Katyayani Mata ― In this post we will get information about Katyayani Devi. Along with this, Katyayani Mata Mantra, Stotra, and Aarti have also been published in this post.

कात्यायनी माता ― इस पोस्ट में हम कात्यायनी माता के बारे में कुछ धार्मिक जानकारी प्राप्त करेंगे. इसके साथ हम कात्यायनी माता मंत्र, स्तोत्र और आरती का भी प्रकाशन इस पोस्ट में कर रहें हैं.

नमस्कार, स्वागत है आप सबका आप सबके अपने वेबसाइट सोनाटुकु डॉट कॉम पर. कात्यायनी माता की सच्चे ह्रदय से आराधना करने से मनुष्य को रोग, शोक, संताप और भय से मुक्ति मिल जाती है.

सबसे पहले हम कात्यायनी माता के बारे में कुछ धार्मिक जानकारी प्राप्त करेंगे.

कात्यायनी माता (Katyayani Mata)

Katyayani Mata

कात्यायनी माता माँ पार्वती आदिशक्ति दुर्गा की छठी शक्ति स्वरुप है. नवरात्रि के छठे दिन कात्यायनी माता के ही स्वरुप की पूजा अर्चना की जाती है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार कात्यायनी माता ने महर्षि कात्यायन के यहाँ पुत्री रूप में जन्म लिया था. इस कारण से देवी माता को कात्यायनी माता के नाम से इस जगत में पूजा जाता है.

कात्यायनी माता ने ही महिषासुर राक्षस का वध किया था.

ब्रज की गोपियों ने भी यमुना के तट पर कात्यायनी माता की पूजा आराधना की थी. कात्यायनी माता ब्रज क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती है.

कात्यायनी माता सिंह पर सवार रहतीं हैं. माँ कात्यायनी का स्वरुप अत्यंत चमकीला और भास्वर है. माता की चार भुजा है. कात्यायनी माता का दाहिने तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में और निचे वाला हाथ वर मुद्रा में है.

माँ कात्यायनी के बाएं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार और निचे वाले हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है.

जो भक्त सच्चे ह्रदय से कात्यायनी माता की आराधना और स्तुति करता है, उसे इस जीवन में ही अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.

समस्त शारीरिक रोगों, कष्टों से माता की कृपा से मुक्ति मिल जाती है. शरीर बलिष्ठ और आत्मबल में बृद्धि हो जाती है.

कात्यायनी माता का प्रभाव बृहस्पति ग्रह पर माना गया है.

सोनाटुकु परिवार की तरफ से मैं आप सबको एक जानकारी दे रही हूँ की जिन कन्याओं के विवाह में विलम्ब हो रहा हो या जो कन्या माता से अपने लिए सुयोग्य वर माँगना चाहतीं हैं उनके लिए हमने निचे एक मंत्र दिया हुआ है. आप उस मंत्र का पाठ करते हुए माता कात्यायनी की आराधना करें. निश्चित ही शुभ फल की प्राप्ति होगी.

ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि । नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम:॥

कात्यायनी माता मंत्र (Katyayani Mata Mantra)

निचे दिया गये कात्यायनी माता मंत्र का 108 बार जाप करें.

ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

कात्यायनी माता प्रार्थना मंत्र

माँ कात्यायनी से विनम्र प्रार्थना के लिए निचे दिए गए मंत्र का पाठ करें.

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

कात्यायनी स्तुति मंत्र (Katyayani Stuti Mantra)

माता कात्यायनी की स्तुति के लिए इस मंत्र का पाठ करें.

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

कात्यायनी माता ध्यान मंत्र

माँ कात्यायनी का ह्रदय से ध्यान करें. इस मंत्र का पाठ करें.

वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढा चतुर्भुजा कात्यायनी यशस्विनीम्॥
स्वर्णवर्णा आज्ञाचक्र स्थिताम् षष्ठम दुर्गा त्रिनेत्राम्।
वराभीत करां षगपदधरां कात्यायनसुतां भजामि॥
पटाम्बर परिधानां स्मेरमुखी नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रसन्नवदना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।
कमनीयां लावण्यां त्रिवलीविभूषित निम्न नाभिम्॥

Katyayani Stotram | कात्यायनी स्तोत्रम्

माँ कात्यायनी की आराधना और स्तुति के लिए इस कात्यायनी स्तोत्रम् का पाठ करें.

कञ्चनाभां वराभयं पद्मधरा मुकटोज्जवलां।
स्मेरमुखी शिवपत्नी कात्यायनेसुते नमोऽस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालङ्कार भूषिताम्।
सिंहस्थिताम् पद्महस्तां कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
परमानन्दमयी देवी परब्रह्म परमात्मा।
परमशक्ति, परमभक्ति, कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
विश्वकर्ती, विश्वभर्ती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता।
विश्वाचिन्ता, विश्वातीता कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
कां बीजा, कां जपानन्दकां बीज जप तोषिते।
कां कां बीज जपदासक्ताकां कां सन्तुता॥
कांकारहर्षिणीकां धनदाधनमासना।
कां बीज जपकारिणीकां बीज तप मानसा॥
कां कारिणी कां मन्त्रपूजिताकां बीज धारिणी।
कां कीं कूंकै क: ठ: छ: स्वाहारूपिणी॥

कात्यायनी माता कवच मंत्र

इस कवच मंत्र के पाठ से कात्यायनी माता की स्तुति करें.

कात्यायनौमुख पातु कां स्वाहास्वरूपिणी।
ललाटे विजया पातु मालिनी नित्य सुन्दरी॥
कल्याणी हृदयम् पातु जया भगमालिनी॥

कात्यायनी माता की आरती Katyayani Mata Ki Aarti

कात्यायनी माता की आरती का प्रकाशन इस साईट पर पहले से किया हुआ है. आप ऊपर दिए गए लिंक पर क्लीक करके कात्यायनी माता की आरती वाले पेज पर जा सकतें हैं.

कात्यायनी माता को आदिशक्ति पार्वती का कौन सा रूप माना जाता है?

आदिशक्ति माँ पार्वती के छठे शक्ति स्वरुप को कात्यायनी माता के रूप में इस संसार में पूजा जाता है.

आप सब अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरुर लिखें.

माँ दुर्गे की परम कृपा आप सब पर सदा बनी रहे. जय माँ दुर्गा.

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