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Kushmanda Mantra : कुष्मांडा माता मंत्र संग्रह

Kushmanda Mantra : कुष्मांडा मंत्र – नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा माता की स्तुति के लिए इस पोस्ट में कई कुष्मांडा देवी मंत्र का प्रकाशन किया गया है. इन मन्त्रों के माध्यम से कुष्मांडा माता की आराधना और स्तुति करें.

कुष्मांडा माता माँ दुर्गा की चौथी शक्ति रूप हैं. नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा माता की पूजा की जाती है.

नमस्कार, स्वागत है आप सबका आप सबके अपने पसंदीदा वेबसाइट सोनाटुकु डॉट कॉम पर. सबसे पहले हम कुष्मांडा माता के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करेंगे. फिर हम कुष्मांडा माता मंत्र (Kushmanda Mata Mantra) का पाठ करेंगे.

तो चलिए आप सब भक्तिपूर्वक ह्रदय से बोलिए – जय माँ दुर्गे.

कुष्मांडा माता

कुष्मांडा माता माँ दुर्गा आदिशक्ति की चौथी शक्ति रूप है. जब श्रृष्टि का स्वरुप नहीं था तो कुष्मांडा माता के द्वारा ही इस ब्रहमांड की रचना की गयी थी. माता कुष्मांडा ही इस श्रृष्टि की आदि स्वरुप और आदि शक्ति हैं.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुष्मांडा माता सूर्यमंडल के भीतर के लोक में निवास करती हैं. नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा माता के ही स्वरुप की पूजा अर्चना की जाती है.

कुष्मांडा माता की कांति और तेज सूर्य के समान है. इस संसार के समस्त प्राणियों में जो तेज है वो माता कुष्मांडा के प्रभाव के कारण ही हैं.

माँ कुष्मांडा के तेज से यह संसार और दसों दिशाएँ प्रकाशमान है. कुष्मांडा माता की आठ भुजाएं हैं. इस कारण से माता कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है.

कुष्मांडा माता का वाहन सिंह है.

सुगमता से प्रसन्न होने वाली कुष्मांडा माता अत्यंत ही दयालु हैं. अपने भक्तों पर तुरंत प्रसन्न हो जाती है. और अपनी कृपा अपने बच्चों पर बरसाती हैं माँ कुष्मांडा.

माता की कृपा से मनुष्य को समस्त रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है. आयु, निरोगी काया, यश, बल माता कुष्मांडा की कृपा से प्राप्त होतीं हैं.

माता कुष्मांडा की जय जयकार करें और चलें अब हम सब कुष्मांडा माता के कुछ मंत्रों और स्तोत्र का पाठ करतें हैं.

Kushmanda Mantra | कुष्मांडा मंत्र

Kushmanda Mata

कुष्मांडा माता की स्तुति के लिए यह सबसे सिद्ध मंत्र है. 108 बार शुद्ध हृदय से इस मंत्र का जाप करें.

ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥

कुष्मांडा देवी प्रार्थना मंत्र

माँ देवी कुष्मांडा से प्रार्थना के लिए आप निचे दिए गये मंत्र का पाठ करें.

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

Kushmanda Mata Stuti Mantra | कुष्मांडा माता स्तुति मंत्र

कुष्मांडा माता की स्तुति के लिए यह स्तुति मंत्र भी श्रेष्ठ मंत्र है. सच्चे ह्रदय से कुष्मांडा स्तुति मंत्र का पाठ करें.

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

कुष्मांडा देवी ध्यान मंत्र

माँ कुष्मांडा का ध्यान इस मंत्र के पाठ के साथ करें.

वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्विनीम्॥
भास्वर भानु निभाम् अनाहत स्थिताम् चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्।
कमण्डलु, चाप, बाण, पद्म, सुधाकलश, चक्र, गदा, जपवटीधराम्॥
पटाम्बर परिधानां कमनीयां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल, मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वदनांचारू चिबुकां कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।
कोमलाङ्गी स्मेरमुखी श्रीकंटि निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

Kushmanda Kavach Mantra | कुष्मांडा माता कवच

कुष्मांडा माता की आराधना के लिए कवच मंत्र का भक्तिपूर्वक पाठ करें.

हंसरै में शिर पातु कूष्माण्डे भवनाशिनीम्।
हसलकरीं नेत्रेच, हसरौश्च ललाटकम्॥
कौमारी पातु सर्वगात्रे, वाराही उत्तरे तथा,
पूर्वे पातु वैष्णवी इन्द्राणी दक्षिणे मम।
दिग्विदिक्षु सर्वत्रेव कूं बीजम् सर्वदावतु॥

Kushmanda Stotra | कुष्मांडा स्तोत्रम्

कुष्मांडा माता की कृपा प्राप्त करने के लिए कुष्मांडा स्तोत्र का पाठ करें.

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दरिद्रादि विनाशनीम्।
जयंदा धनदा कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
जगतमाता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम्।
चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
त्रैलोक्यसुन्दरी त्वंहि दुःख शोक निवारिणीम्।
परमानन्दमयी, कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

कुष्मांडा माता की आरती | Kushmanda Mata Ki Aarti

कुष्मांडा माता की आराधना और स्तुति करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होती है. श्रद्धा और भक्ति के साथ कुष्मांडा माता की स्तुति करें. जिन लोगों को सूर्य देव के ग्रह दोष के कारण कोई कष्ट हो रहा हो उन्हें कुष्मांडा माता की स्तुति करनी चाहिए और उनके मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे उनकी ग्रह दशा ठीक होकर जीवन में सुख और शान्ति का आगमन होगा.

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