Nirjala Ekadashi : In this post we will get information about Nirjala Ekadashi. When is Nirjala Ekadashi? Nirjala Ekadashi 2024 date and importance of Nirjala Ekadashi.
निर्जला एकादशी : इस पोस्ट में हम निर्जला एकादशी के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. निर्जला एकादशी कब है? निर्जला एकादशी 2024 तारीख तथा निर्जला एकादशी का महत्व.
नमस्कार, स्वागत है आप सबका सोनाटुकु डॉट कॉम पर. अगर आप श्री विष्णु भगवान की आराधना और स्तुति के लिए सभी एकादशी व्रत करतें हैं तो यह सर्वोत्तम शुभ फलदायक है.
परन्तु अगर आप सभी एकादशी व्रत नहीं कर सकतें हैं तो आप सिर्फ एक एकादशी व्रत जिसे निर्जला एकादशी व्रत कहतें हैं, को अवस्य करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सिर्फ एक निर्जला एकादशी व्रत करने से सम्पूर्ण एकादशी व्रत का पुण्य फल मनुष्य को प्राप्त हो जाता है.
आप सबकी जानकारी के लिए हम बता दें की निर्जला एकादशी व्रत को भीम एकादशी या फिर पांडव निर्जला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. यह एकादशी व्रत पांडवों से जुड़ा हुआ है. जिसके संबंद्ध में हम इस पोस्ट में आगे जानकारी प्राप्त करेंगे.
चलिए अब हम सब साल 2024 में निर्जला एकादशी व्रत कब है? (Nirjala Ekadashi 2024 Date and Time) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
Nirjala Ekadashi 2024 Date : निर्जला एकादशी कब है?
निर्जला एकादशी प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. यह तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जून महीने में पड़ती है.
2024 में निर्जला एकादशी व्रत 18 जून 2024, दिन मंगलवार को किया जायेगा.
निर्जला एकादशी व्रत 2024 तारीख | 18 जून 2024, मंगलवार |
Nirjala Ekadashi 2024 Date | 18 June 2024, Tuesday |
चलिए अब हम ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि कब प्रारंभ हो रही है और कब समाप्त हो रही है? की जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि की जानकारी
जैसा की आप सब लोगों को पता है की निर्जला एकादशी व्रत ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को की जाती है. इस कारण से हमने यहाँ ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी दी हुई है.
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि प्रारंभ | 17 जून 2024, सोमवार 04:43 am |
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि समाप्त | 18 जून 2024, मंगलवार 06:24 am |
Importance of Nirjala Ekadashi : निर्जला एकादशी का महत्व
- भगवान विष्णु की आराधना और स्तुति करने और श्री विष्णु भगवान की कृपा पाने का एक श्रेष्ठ व्रत है निर्जला एकादशी व्रत.
- वैसे तो सभी एकादशी व्रत करना अत्यंत ही शुभ और पुण्य फलदायी होता है.
- निर्जला एकादशी व्रत के संबंद्ध में ऐसी धार्मिक मान्यता है की इस एक व्रत से साल के सभी एकादशी व्रत के बराबर का पुण्य मनुष्य को प्राप्त हो जाता है.
- धार्मिक मान्यता तो यह भी है की जो कोई भी सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ श्री विष्णु की आराधना करते हुए निर्जला एकादशी का व्रत करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- और मरणोपरांत उसे लेने यमदूत नहीं बल्कि श्री विष्णु के सेवक आतें हैं.
- जो मनुष्य साल के बाकी एकादशी व्रत करने में सक्षम नहीं है वे सिर्फ निर्जला एकादशी व्रत करके सभी एकादशी व्रत का पुण्य अर्जित कर सकतें हैं.
- निर्जला एकादशी व्रत को काफी कठिन व्रत माना गया है. इस व्रत में पानी की एक बूंद भी व्रती को नहीं लेनी है और सम्पूर्ण रूप से बिना खाना पानी का उपवास करना पड़ता है.
- इस व्रत के फलस्वरूप मनुष्य की नकारात्मकता कम होती है और सकारात्मक ऊर्जा में बृद्धि होती है.
निर्जला एकादशी व्रत के बारे में कुछ जानकारी
अगर आप सक्षम है, और अगर आपकी इच्छा है तो आप सभी एकादशी का व्रत करें. और अगर आप सभी एकादशी का व्रत नहीं करना चाहतें हैं तो आप इस निर्जला एकादशी व्रत करें. इससे आपको बाकी सभी एकादशी व्रत के बराबर पुण्य की प्राप्ति होगी.
निर्जला एकादशी को भीम एकादशी, भीमसेन एकादशी, पांडव एकादशी आदि नामों से भी जाना जाता है.
धार्मिक कथा के अनुसार सभी पांडव एकादशी का व्रत करते थे. परन्तु भीम को अपनी भूख पर नियंत्रण नहीं हो पाता था. वह एकादशी व्रत नहीं कर पाता था.
इस कारण से एक दिन भीम महर्षि व्यास के पास इस समस्या के निदान के लिए गया. तब महर्षि व्यास ने भीम को निर्जला एकादशी के बारे में जानकारी प्रदान की और उसे वर्ष में एक बार निर्जला एकादशी का व्रत करने को कहा. इस व्रत के करने से बाकी सभी एकादशी व्रत का भी पुण्य मनुष्य को प्राप्त हो जाता है.
इस दिन सम्पूर्ण भक्तिपूर्वक श्री विष्णु की आराधना और स्तुति करें. ब्राह्मणों को दान दें उन्हें भोजन करवायें. विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
निर्जला एकादशी व्रत ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है.
आज के इस पोस्ट में बस इतना ही. आशा है की आपको यह पोस्ट अवस्य ही अच्छा लगा होगा और आपको सम्पूर्ण जानकारी की प्राप्ति हुई होगी.
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