जन्माष्टमी उत्सव से जुड़ा एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण उत्सव या प्रतियोगिता है दही हाण्डी (Dahi Handi) या गोपालकाला उत्सव (Gopalkala Festival).
जैसा की मैंने आप सब लोगों को बताया हुआ है की जन्माष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी (Gokulashtami) के नाम से भी जाना जाता है.
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भगवान श्री कृष्ण की जयंती से जुड़ा हुआ है, दही हाण्डी का महत्वपूर्ण उत्सव. भारत के महाराष्ट्र और गोवा राज्यों में दही हाण्डी एक अत्यंत ही प्रमुख उत्सव है.
आज कल दही हाण्डी का उत्सव एक प्रतियोगिता के रूप में प्रचलित हो गया है. जिसमे जितने वाले समूह को बहुत अधिक पुरुस्कार प्रदान किया जाता है.
कही कहीं तो यह प्रोत्साहन एक करोड़ रूपये तक का होता है. इसमें बड़ी-बड़ी हस्तियाँ हिस्सा लेती हैं.
सम्पूर्ण परिवेश गोविंदा आला रे ….. के उद्घोष से गूंजता रहता है.
चलिए अब हम सब साल 2024 में दही हाण्डी का उत्सव कब है? (Dahi Handi 2024) के बारे में जानकारी प्राप्त करतें हैं.
Dahi Handi 2024 Date – दही हाण्डी | गोपालकाला उत्सव
साल 2024 में दही हाण्डी 27 अगस्त 2024, मंगलवार को है.
दही हाण्डी 2024 तारीख | 27 अगस्त 2024, मंगलवार |
Dahi Handi 2024 Date | 27 August 2024, Tuesday |
दही हाण्डी उत्सव (Dahi Handi Festival) से जुड़ी कुछ बातें
दही हाण्डी का उत्सव भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़ा हुआ एक बहुत ही महत्वपूर्ण उत्सव है.
बाल काल में भगवान श्री कृष्ण ने जो बाल लीला की थी उसका सजीव चित्रण है दही हाण्डी का उत्सव.
जैसा की आप सब लोगों को पता है की भगवान श्री कृष्ण अपने बचपन में गोपियों के घरों से माखन चुरा कर खा जाते थे.
इस कारण से गोपियों ने माखन की हांडी को ऊपर बांधना शुरू कर दिया. ताकि श्री कृष्ण और उनकी बाल सखा मण्डली माखन तक नहीं पहुँच सकें.
परन्तु श्री कृष्ण अपने बाल सखाओं के साथ एक मानव पर्वत की तरह आकार बनाकर माखन चुरा ही लेते थे.
भगवान श्री कृष्ण की इसी लीला को आज हम सब दही हाण्डी के रूप में मनाते हैं.
इसमें दही, मक्खन आदि से भरी हांडी (मिट्टी का बर्तन) को किसी चौराहे या खुले जगह पर बहुत ऊपर टांग दिया जाता है.
युवाओं की टोली मानव पर्वत बनाकर इस हांडी तक पहुँचने का प्रयास करती है. अन्य लोगों और युवतियों द्वारा उन पर पानी की बौछार की जाती है.
इनमे ये कई बार गिरतें भी है और अंत में कोई एक टोली इस हांडी तक पहुँच ही जाती है.
आज के अत्यंत ही महत्वपूर्ण प्रकाशन को हम यहीं समाप्त करतें हैं. अगर आपको यह प्रकाशन अच्छा लगा तो आप कमेंट बॉक्स में गोविंदा आला रे …. अवस्य लिखें.
जय श्री कृष्णा.
भगवान श्री कृष्ण अपने बाल काल में अपनी सखाओं के साथ मिलकर गोपियों के घरों से माखन चुरा का खा जाते थे.
उनकी इसी बाल लीला से जुड़ा हुआ दही हाण्डी का महत्वपूर्ण उत्सव है.
भारत के महाराष्ट्र राज्य में दही हाण्डी का उत्सव बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय है. साथ ही गोवा राज्य में भी दही हाण्डी का उत्सव मनाया जाता है.
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