Dattatreya Jayanti 2024 – In this post, reliable information has been given about Dattatreya Jayanti 2024 date and significance.
दत्तात्रेय जयंती 2024 – इस पोस्ट में दत्तात्रेय जयंती कब है? तारीख और महत्व के साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है.
भगवान श्री दत्तात्रेय जी को त्रिमूर्ति अर्थात श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु और श्री महेश (शिव) का संयुक्त अवतार माना जाता है.
श्री दत्तात्रेय भगवान के जन्म से संबंद्धित एक धार्मिक कथा भी है. इस कथा के बारे में भी हम इस पोस्ट में जानकारी प्रदान करेंगे.
श्री दत्तात्रेय भगवान के जन्म दिवस को हम सब प्रत्येक वर्ष दत्तात्रेय जयंती के रूप में मनाते हैं.
भगवान श्री दत्तात्रेय जी को परब्रह्म मूर्ति सद्गुरु, दत्तात्रेय भगवान, दत्ता भगवान, श्री गुरु देव दत्त, गुरु दत्तात्रेय आदि नामों से भी जाना जाता है.
दत्तात्रेय जयंती को दत्ता जयंती, दत्त जयंती, गुरु दत्तात्रेय जयंती आदि नामों से भी जाना जाता है.
अब हम दत्तात्रेय जयंती 2024 (Dattatreya Jayanti 2024) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
Dattatreya Jayanti 2024 Date दत्तात्रेय जयंती कब है?
भगवान श्री दत्तात्रेय जी की जयंती प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है.
इस साल यानी की 2024 में दत्तात्रेय जयंती शनिवार, 14 दिसम्बर 2024 को है.
दत्तात्रेय जयंती 2024 तारीख | 14 दिसम्बर 2024, शनिवार |
Dattatreya Jayanti 2024 Date | 14 December 2024, Saturday |
अब हम मार्गशीर्ष पूर्णिमा के प्रारंभ और समाप्त होने के समय के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2024 की जानकारी
यहाँ हमने टेबल के माध्यम से मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी दी हुई है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि प्रारंभ | 14 दिसम्बर 2024, शनिवार 04:58 pm |
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि समाप्त | 15 दिसम्बर 2024, रविवार 02:31 pm |
दत्तात्रेय जयंती पूजा विधि (Dattatreya Jayanti Puja Vidhi)
- दत्तात्रेय जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के पश्चात व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
- पवित्र नदियों में स्नान का इस दिन विशेष महत्व है.
- मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा में स्नान करने के पश्चात दत्त पादुका की पूजा करना शुभ और मंगलकारी होता है.
- इसके पश्चात दत्तात्रेय जी को धुप दीप नैवेद्द आदि से पूजा अर्चना करें.
- दत्तात्रेय जी के मन्त्रों और स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए.
- दत्तात्रेय जी को गुरु के रूप में भी पूजन करना अत्यंत ही मंगलकारी होता है.
श्री दत्तात्रेय भगवान के जन्म की कथा
भगवान दत्तात्रेय श्री अत्री और अनुसूया के पुत्र हैं. इनके जन्म से संबंधित एक धार्मिक कथा है.
देवी अनुसूया एक अत्यंत ही धार्मिक और पतिव्रता स्त्री थी. अनुसूया ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान एक पुत्र की कामना लेकर तप किया था.
त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश देवी अनुसूया की पतिव्रत धर्म और तपस्या से अत्यंत ही प्रसन्न थे.
एक दिन तीनों देवियों ने त्रिदेव से देवी अनुसूया की परीक्षा लेने को कहा. तीनो देवियों की इच्छानुसार त्रिदेव देवी अनुसूया की परीक्षा लेने पहुंचे.
त्रिदेव रूप बदलकर देवी अनुसूया के यहाँ पहुंचे और भोजन करने की इच्छा व्यक्त की. देवी अनुसूया उन्हें आदरपूर्वक भोजन कराने की तैयारी करने लगती है.
चूँकि त्रिदेव देवी अनुसूया की परीक्षा लेने पहुंचे थे. इस कारण से त्रिदेव ने देवी अनुसूया से निर्वस्त्र होकर और शुद्धता से भोजन परोसने को कहा की तभी वे भोजन करेंगे.
माता अनुसूया ने हामी भर दी. इसके पश्चात माता अनुसूया ने अपने मंत्र की शक्ति से त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश को नवजात शिशुओं में परिवर्तित कर दिया.
इसके पश्चात माता अनुसूया ने तीनों शिशुओं को स्तनपान कराया.
ऋषि अत्री के आने पर देवी अनुसूया ने उन्हें सभी बातों से अवगत कराया. ऋषि अत्री ने अपने मन्त्रों से तीनों देवों को एक रूप में परवर्तित कर दिया. इस शिशु के तिन मुख और छः हाथ थे.
तीनो देवियों को जब इन सबके बारे में जानकारी होती है तो वे ऋषि से त्रिदेव को पुनः पूर्व रूप में वापस कर देने का आग्रह करती हैं. ऋषि अत्री तीनों देवों को पूर्व रूप में वापस ला देतें हैं.
त्रिदेव देवी अनुसूया से प्रसन्न होतें हैं और अपने आशीर्वाद से दत्तात्रेय को उत्पन्न करतें हैं. दत्तात्रेय में त्रिदेव अपनी शक्ति प्रदान करतें हैं.
इस तरह दत्तात्रेय देवी अनुसूया और ऋषि अत्री के पुत्र हुए.
Importance of Dattatreya Jayanti दत्तात्रेय जयंती का महत्व
- दत्तात्रेय जयंती पर भक्त भगवान श्री दत्तात्रेय जी की गुरु और भगवान के रूप में आराधना और स्तुति करतें हैं.
- श्री दत्तात्रेय भगवान की आराधना और स्तुति करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होता है.
- दत्तात्रेय भगवान की कृपा से मनुष्य को सच्चे ज्ञान की प्राप्ति होती है.
- जीवन में लक्ष्य को प्राप्त करने की शक्ति भगवान श्री दत्तात्रेय जी की कृपा से मिलती है.
- मनुष्य के भय का समापन भगवान दत्तात्रेय जी की कृपा से होता है.
- आत्मा को मुक्ति मिलती है.
- समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है.
- मानसिक शांति की प्राप्ति होती है.
इस अंक में सिर्फ इतना ही. आशा है की आप सबको श्री दत्तात्रेय जयंती के बारे में जानकारी प्राप्त हो गयी होगी. अगर आप कोई सुझाव या सलाह देना चाहतें हैं तो आप हमें कमेंट में लिख सकतें हैं.
दत्तात्रेय जयंती के बारे में जानकारी
भगवान श्री दत्तात्रेय जी की जयंती प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है.
भगवान श्री दत्तात्रेय जी की जयंती 14 दिसम्बर 2024, शनिवार को है. सम्पूर्ण और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए sonatuku साईट पर जाएँ.
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