Gauri Vrat 2023 – इस पोस्ट में हम गौरी व्रत के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. गौरी व्रत कब है? गौरी व्रत 2023 तारीख (Gauri Vrat 2023 date), गौरी व्रत का महत्व तथा गौरी व्रत से संबंद्धित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी.
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गौरी व्रत माँ गौरी और महादेव शिव की पूजा आराधना करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत है. इस व्रत को कुंवारी लड़कियों द्वारा किया जाता है.
इस व्रत को करने का मुख्य उद्देश्य महादेव शिव और माँ गौरी पार्वती से अपने लिए अच्छे और सुयोग्य वर देने की प्रार्थना करना है.
अन्य महिलाओं द्वारा इस व्रत को जया पार्वती व्रत के नाम से किया जाता है.
आप सबको बता दें की गौरी व्रत को मोरकत व्रत के नाम से भी जाना जाता है.
यह व्रत मुख्य रूप से गुजरात में तथा देश के अन्य भागों में भी मनाया जाता है.
यह व्रत पांच दिनों तक किया जाता है. और इन पांच दिनों तक सिर्फ फलाहार ही करना होता है.
चलिए अब हम सब साल 2023 में गौरी व्रत कब है? (Gauri Vrat 2023) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
Gauri Vrat 2023 – गौरी व्रत कब है?
गौरी व्रत प्रत्येक वर्ष आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी से प्रारंभ की जाती है और आषाढ़ पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा के दिन समाप्त होती है. इस तरह से गौरी व्रत पांच दिनों का व्रत है.
साल 2023 में गौरी व्रत 29 जून 2023, दिन गुरुवार को प्रारंभ होगी और 03 जुलाई 2023, दिन सोमवार को समाप्त होगी.
गौरी व्रत 2023 तारीख | 29 जून 2023, गुरुवार से 03 जुलाई 2023, सोमवार तक |
Gauri Vrat 2023 Date | 29 June 2023, Thursday to 03 July 2023, Monday |
चलिए अब हम सब आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि की बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि की जानकारी
आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को अत्यंत ही पवित्र और शुभ दिन माना जाता है. इस दिन Dev Shayani Ekadashi : देव शयनी एकादशी का व्रत भी किया जाता है.
इसके अलावा आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि से ही पांच दिनों का गौरी व्रत प्रारंभ होता है.
निचे हमने आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी दी हुई है.
आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि प्रारंभ | 29 जून 2023, गुरुवार 03:18 am |
आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि समाप्त | 30 जून 2023, शुक्रवार 02:42 am |
गौरी व्रत का महत्व (Importance of Gauri Vrat)
- गौरी व्रत मुख्य रूप से कुंवारी कन्याओं द्वारा किया जाता है.
- यह व्रत पांच दिनों का व्रत है.
- इन पांच दिनों तक फलाहार करते हुए व्रत रखा जाता है.
- पांच दिनों तक माँ गौरी और महादेव शिव की पूजा अर्चना की जाती है.
- पांचवे दिन महादेव शिव और माँ गौरी की पूजा अर्चना करने के पश्चात ब्राह्मण को भोजन और दान देने के पश्चात व्रत समाप्त किया जाता है.
- गौरी व्रत के पांचवे दिन पूरी रात जागने का विधान है और इस दौरान गौरी माता के भजन आदि करते रहना चाहिए.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को सम्पूर्ण भक्तिपूर्वक करने से महादेव शिव और माँ पार्वती की कृपा प्राप्त होती है.
- समस्त मनोकामना पूर्ण होती है.
अप सब सम्पूर्ण नियमानुसार और भक्तिपूर्वक गौरी व्रत अनुष्ठान को करें. महादेव शिव और माँ गौरी की परम कृपा अवस्य ही आप सब पर बनी रहेगी.
आप सबको सोनाटुकु परिवार की तरफ से गौरी व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं.
आज के इस पोस्ट में बस इतना ही. कृप्या कमेंट बॉक्स में जय महादेव और जय गौरी मैया अवस्य लिखें.
किसी भी तरह के सुझाव के लिए आप हमें कमेंट में लिख सकतें हैं या फिर हमसे ईमेल के माध्यम से संपर्क कर सकतें हैं.
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