Kokila Vrat 2025 – इस पोस्ट में हम कोकिला व्रत के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. कोकिला व्रत कब है? कोकिला व्रत 2025 तारीख तथा कोकिला व्रत का महत्व.
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कोकिला व्रत महादेव शिव और माता सती को समर्पित एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण व्रत है. इस व्रत को मुख्यतः महिलाओं द्वारा ही किया जाता है.
इस व्रत में कोयल को माता सती के रूप में मान कर पूजा अर्चना की जाती है. मिट्टी से कोयल की प्रतिमा बनाकर उसकी पूजा की जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कोकिला व्रत को श्रद्धा और भक्तिपूर्वक करने से अखंड शौभाग्य की प्राप्ति होती है.
चलिए अब हम सब साल 2025 में कोकिला व्रत कब है? (Kokila Vrat 2025 date) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
Kokila Vrat 2025 Date – कोकिला व्रत कब है?
कोकिला व्रत प्रत्येक वर्ष आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. बहुत से जगहों पर जिस वर्ष आषाढ़ मास अधिक मास में भी हो अर्थात आषाढ़ मास लगातार दो बार आये. उस वर्ष कोकिला व्रत किया जाता है.
आप सबको बता दें की उस वर्ष भी कोकिला व्रत अधिक मास में नहीं करके साधारण आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है.
वैसे अधिकतर जगहों पर कोकिला व्रत प्रत्येक वर्ष आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को श्रद्धा और भक्तिपूर्वक किया जाता है.
साल 2025 में कोकिला व्रत 10 जुलाई 2025, दिन गुरुवार को किया जायेगा.
कोकिला व्रत 2025 तारीख | 10 जुलाई 2025, गुरुवार |
Kokila Vrat 2025 date | 10 July 2025, Thursday |
चलिए अब हम सब आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
आषाढ़ पूर्णिमा तिथि की जानकारी
जैसा की आप सब लोगों को बताया जा चूका है की कोकिला व्रत आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को की जाती है. इस कारण से हमने आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी निचे टेबल में दी हुई है.
आषाढ़ पूर्णिमा तिथि प्रारंभ | 10 जुलाई 2025, गुरुवार 01:36 am |
आषाढ़ पूर्णिमा तिथि समाप्त | 11 जुलाई 2025, शुक्रवार 02:06 am |
Importance of Kokila Vrat | कोकिला व्रत का महत्व
- कोकिला व्रत माता सती और महादेव शिव को समर्पित एक अत्यंत ही शुभ और महत्वपूर्ण व्रत है.
- इस व्रत को मुख्य रूप से महिलायें करतीं हैं.
- कोकिला व्रत में कोयल को माता सती के रूप में मानकर पूजा अर्चना की जाती है.
- कोयल की प्रतिमा मिट्टी से बनाई जाती है और इसकी पूजा की जाती है.
- माता सती और महादेव शिव की भी भक्तिपूर्वक पूजा अर्चना की जाती है.
- ऐसी धार्मिक मान्यता है की कोकिला व्रत को सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से महिला को अखंड शौभाग्य की प्राप्ति होती है.
- उसकी पति की आयु में बृद्धि होती है.
- जीवन में सुख और शांति आती है.
कोकिला व्रत कथा
यहाँ हम कोकिला व्रत कथा का विडियो दे रहें हैं. इस विडियो के माध्यम से आप कोकिला व्रत कथा अवश्य सुने.
आज के इस पोस्ट में बस इतना ही.
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आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को कोकिला व्रत किया जाता है.
कोकिला व्रत में माता सती और महादेव शिव का पूजन किया जाता है. इस व्रत में कोयल की प्रतिमा मिट्टी से बनाई जाती है और इस कोयल की प्रतिमा की पूजा की जाती है.