Saraswati Puja 2025 / सरस्वती पूजा 2025 – इस पोस्ट में हम सरस्वती पूजा के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. सरस्वती पूजा कब है? When is Saraswati Puja? सरस्वती पूजा 2025 तारीख Saraswati Puja 2025 Date and शुभ मुहूर्त Shubh Muhurat, महत्व importance along with many other religious information is given in this post.
माँ सरस्वती की वंदना और आराधना का दिन है सरस्वती पूजा. इस दिन को वसंत पंचमी (Vasant Panchami) या श्रीपंचमी (ShriPanchami) के नाम से भी जाना जाता है.
सरस्वती माता विद्या, ज्ञान, बुद्धि और कला-संस्कृति की देवी है. विद्यार्थियों के लिए तो माँ सरस्वती की पूजा और आराधना करना अत्यंत ही शुभ फलदायक होता है.
सरस्वती पूजा का दिन अत्यंत ही पवित्र और शुभ दिन होता है. हमारे देश में सभी जगह सरस्वती पूजा काफी धूमधाम से मनाई जाती है. देश के अधिकतर स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजा अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है.
यह दिन छोटे बच्चों को शिक्षा आरम्भ करने का भी शुभ दिन होता है. सरस्वती पूजा के दिन बच्चों को प्रथम अक्षर लिखना सिखाना अत्यंत ही शुभ माना गया है.
इसे हम यूँ कह सकतें हैं की वसंत पंचमी सरस्वती पूजा के दिन विद्या आरंभ करवाना अत्यंत ही शुभ होता है. इस कारण से इस दिन माता पिता अपने बच्चों के हाथ को पकड़ कर पहला अक्षर ॐ लिखवायें. यह अत्यंत ही शुभ होता है.
विद्यारम्भ करने वाले बच्चे को इस दिन सरस्वती माता का आशीर्वाद दिलवाना चाहिए. सरस्वती माता की कृपा से उसे अथाह विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होगी और उसका भविष्य उज्ज्वल होगा.
अब चलिए हम सब सरस्वती पूजा 2025 (Saraswati Puja 2025) और वसंत पंचमी 2025 (Vasant Panchami 2025) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
- Saraswati Puja 2025 Date| Vasant Panchami 2025 Date – सरस्वती पूजा कब है? वसंत पंचमी कब है?
- Saraswati Puja 2025 Time | सरस्वती पूजा 2025 शुभ मुहूर्त समय
- सरस्वती पूजा सरस्वती वंदना (Saraswati Puja Saraswati Vandana)
- सरस्वती पूजा का महत्व (Importance of Saraswati Puja)
- वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा से संबंधित कुछ जानकारी
Saraswati Puja 2025 Date| Vasant Panchami 2025 Date – सरस्वती पूजा कब है? वसंत पंचमी कब है?
सरस्वती पूजा और वसंत पंचमी का उत्सव प्रत्येक वर्ष माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है.
साल 2025 में सरस्वती पूजा और वसंत पंचमी का त्यौहार 02 फ़रवरी 2025, दिन रविवार को मनाई जायेगी.
सरस्वती पूजा 2025 तारीख वसंत पंचमी 2025 तारीख | 02 फ़रवरी 2025, रविवार |
Saraswati Puja 2025 Date Vasant Panchami 2025 Date | 02 February 2025, Sunday |
अब हम माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
माघ शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि के बारे में जानकारी
चूँकि सरस्वती पूजा और वसंत पंचमी का त्यौहार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस कारण से हमें माघ शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय के बारे में जानकारी अवस्य होनी चाहिए.
माघ शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि प्रारंभ | 02 फ़रवरी 2025, रविवार 09:14 am |
माघ शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि समाप्त | 03 फ़रवरी 2025, सोमवार 06:52 am |
अब हम सब सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त समय जान लेतें हैं.
Saraswati Puja 2025 Time | सरस्वती पूजा 2025 शुभ मुहूर्त समय
निचे टेबल में हमने सरस्वती पूजा 2025 के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त समय दिया हुआ है.
सरस्वती पूजा 2025 शुभ मुहूर्त | 02 फ़रवरी 2025, रविवार 09:17 am – 12:35 pm |
Saraswati Puja 2025 Shubh Muhurt | 02 February 2025, Sunday 09:17 am – 12:35 pm |
वैसे हम आप सबको बता दें की सरस्वती पूजा और वसंत पंचमी के दिन पुरे दिन ही शुभ मुहूर्त होता है. आप इस दिन किसी भी समय सरस्वती पूजा कर सकतें हैं. परन्तु प्रातः काल से लेकर 12 बजे तक पूजा करना शुभ माना जाता है.
अधिकतर स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में इसी समय सरस्वती पूजा की जाती है.
एक बात और मैं आप लोगों को बताना चाहता हूँ की वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के दिन को अबूझ मुहूर्त के नाम से जाना जाता है. धार्मिक व्यक्तियों के अनुसार वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के दिन किसी भी शुभ कार्य को प्रारम्भ करने के लिए मुहूर्त देखना जरुरी नहीं होता है.
यह सम्पूर्ण दिन ही शुभ और पवित्र है. इस कारण से वसंत पंचमी के दिन किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करना अत्यंत ही शुभ और उत्तम माना गया है.
अब हम सरस्वती पूजा के दिन माँ सरस्वती की आराधना के लिए गाये जाने वाले सरस्वती वंदना को जान लेतें हैं. यह संक्षिप्त सरस्वती वंदना है लेकिन इसका गायन करना भी बहुत ही शुभ और उत्तम माना गया है.
सरस्वती पूजा सरस्वती वंदना (Saraswati Puja Saraswati Vandana)
वसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की आराधना के लिए आप निचे दिए गए इस संक्षिप्त सरस्वती वंदना का पाठ अवस्य करें. इससे आपको माँ सरस्वती की कृपा प्राप्त होगी.
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥
सरस्वती पूजा का महत्व (Importance of Saraswati Puja)
- सरस्वती पूजा और वसंत पंचमी का दिन अत्यंत ही पावन और शुभ दिन होता है.
- वसंत पंचमी के दिन को ज्ञानी जनों द्वारा अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है.
- इसका अर्थ है की वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के दिन कोई भी शुभ कार्य शुरू करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होता है.
- वसंत पंचमी का पूरा दिन ही शुभ मुहूर्त होता है.
- इस दिन माता सरस्वती की पूजा और आराधना करना अत्यंत ही शुभ फलदायक होता है.
- विद्यार्थियों के लिए तो सरस्वती पूजा का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है.
- इस दिन सभी स्कूलों, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में सरस्वती माता की पूजा की जाती है.
- विद्यार्थी सम्पूर्ण भक्तिपूर्वक माँ सरस्वती की पूजा और आराधना करता है.
- माँ सरस्वती विद्या, ज्ञान और कला की देवी हैं.
- माँ सरस्वती की कृपा से हमें विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है.
- वसंत पंचमी का दिन विद्यारम्भ के लिए सबसे शुभ दिन होता है.
- इस दिन से ही बच्चों को अक्षर ज्ञान शुरू करवाना सबसे उत्तम माना गया है.
वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा से संबंधित कुछ जानकारी
वसंत पंचमी के दिन सबसे पहले श्री गणेश जी की पूजा आराधना करनी चाहिए. उसके पश्चात माँ सरस्वती की पूजा आराधना प्रारंभ करें.
माता सरस्वती विद्या और ज्ञान प्रदान करती है. इस कारण से माता सरस्वती से अपने लिए विद्या और ज्ञान अवस्य मांगे.
सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ माता सरस्वती की पूजा और आराधना करें.
माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा मनाई जाती है.
वसंत पंचमी का सम्पूर्ण दिन ही शुभ मुहूर्त होता है. किसी भी शुभ कार्य को प्रारम्भ करने के लिए वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा का दिन बहुत ही शुभ माना गया है. इस कारण से ज्ञानी जनों द्वारा वसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त कहा गया है.
माँ सरस्वती की आराधना और स्तुति करने वाले भक्तों से मेरा निवेदन है की कृपया आप सब कमेंट बॉक्स में जय माँ सरस्वती अवस्य लिखें.
अगर आप कोई सुझाव या सलाह देना चाहतें हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकतें हैं.
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