Shani Jayanti 2022 (Shani Amawasya 2022, Shani Amavasya 2022) – इस पोस्ट में हम शनि जयंती के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. शनि जयंती कब है? शनि जयंती 2022 तारीख तथा शनि जयंती का महत्व.
आप सबको बता दें की शनि जयंती को शनि अमावस्या, शनिश्चर जयंती, सनी जयंती आदि नामों से भी जाना जाता है.
नमस्कार, स्वागत है आप सबका सोनाटुकु डॉट कॉम पर. भगवान श्री शनि देव जी इस जगत के न्यायाधीश हैं. इस जगत के प्राणियों को उनके पाप कर्मों का दंड देतें हैं. साथ ही जो मनुष्य सच्चे कर्म करता है, अन्य प्राणियों के प्रति दया भाव रखता है, धर्म कर्म करता है, उन्हें श्री शनि देव जी पुरस्कृत भी करतें हैं.
सूर्य देव के पुत्र श्री शनि देव जी शनि ग्रह के स्वामी हैं. शनिवार को श्री शनि देव का दिवस माना गया है.
शनि जयंती के दिन श्री शनि देव की आराधना और उपासना करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होता है.
चलिए अब हम सब साल 2022 में शनि जयंती या शनि अमावस्या कब है? (Shani Jayanti 2022) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
Shani Jayanti 2022 Shani Amawasya 2022 शनि जयंती 2022 कब है?

शनि जयंती प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन श्री शनि देव जी का जन्म हुआ था.
साल 2022 में शनि जयंती 30 मई 2022, दिन सोमवार को मनाई जायेगी.
शनि जयंती 2022 तारीख | 30 मई 2022, सोमवार |
Shani Jayanti 2022 Date | 30 May 2022, Monday |
चलिए अब हम सब ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि के बारे में जानकारी प्राप्त करतें हैं.
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की जानकारी
चूँकि शनि जयंती ज्येष्ठ महीने की अमावास्या तिथि को मनाई जाती है. इस कारन से हमने यहाँ ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी दी हुई है.
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि प्रारंभ | 29 मई 2022, रविवार 02:54 PM |
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि समाप्त | 30 मई 2022, सोमवार 04:59 PM |
Importance of Shani Jayanti | शनि जयंती का महत्व
- शनि जयंती भगवान श्री शनि देव जी की आराधना और स्तुति करने का एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण दिन होता है.
- इस दिन को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.
- जिन लोगों को किसी भी प्रकार का शनि दोष हो उन्हें इस दिन श्री शनि देव जी की पूजा आराधना विधिवत करने से शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है.
- शनि जयंती के दिन शनि देव की आराधना के लिए यज्ञ, हवन और होम आदि करना अत्यंत ही शुभ माना गया है.
- शनि जयंती के दिन शनि देव की शनि तैलाभिशेकम करना अर्थात शनि देव की तेल से अभिषेक करना अत्यंत ही शुभ माना गया है.
- किसी भी प्रकार के शनि दोष को शांत करने के लिए शनि शान्ति पूजा करना अत्यंत ही शुभ होता है.
मेरा विचार है की शनि जयंती के दिन मनुष्य को श्री शनि देव जी से अपने कर्मों के लिए क्षमा याचना करनी चाहिए और जीवन में आगे सिर्फ अच्छे और धार्मिक कार्य करने का प्रण लेना चाहिए.
ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को शनि जयंती या शनि अमावस्या मनाई जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्री शनि देव जी शनि ग्रह के स्वामी हैं.
आज के इस अंक में बस इतना ही. अगर आप कोई विचार, सुझाव या सलाह हमसे साझा करना चाहतें हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखें.
कुछ अन्य प्रकाशनों को भी देखें –
हनुमान जयंती Hanuman Jayanti Date Time puja vidhi
Kalki Jayanti Date – कल्कि जयंती की तारीख और महत्व
- चैत्र नवरात्रि 2023 दशमी चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण
- चैत्र नवरात्रि 2023 नवमी सिद्धिदात्री माता पूजा, कन्या पूजन
- चैत्र नवरात्रि 2023 अष्टमी महागौरी माता पूजा
- चैत्र नवरात्रि 2023 सप्तमी कालरात्रि माता पूजा
- चैत्र नवरात्रि 2023 षष्ठी कात्यायनी माता पूजा
- चैत्र नवरात्रि 2023 पाँचवां दिन स्कंदमाता पूजा
- चैत्र नवरात्रि 2023 चौथा दिन कुष्मांडा माता पूजा
- चैत्र नवरात्रि 2023 तृतीय दिन चंद्रघंटा माता पूजा
- चैत्र नवरात्रि 2023 ब्रह्मचारिणी माता पूजा
- Chaitra Navratri 2023 Shailputri Puja चैत्र नवरात्रि शैलपुत्री पूजा