भगवान श्री कृष्ण के भक्तों के लिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) एक महत्वपूर्ण और पवित्र उत्सव है.
इस पोस्ट में हम सब श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है? Shree Krishna Janmashtami 2025 Date, शुभ मुहूर्त, पूजा का समय तथा पारण का समय आदि की जानकारी के साथ जन्माष्टमी से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक जानकारियों को प्राप्त करेंगे.
कृष्ण जन्माष्टमी वह पवित्र दिन है जब स्वयं भगवान विष्णु ने इस धरती पर श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया था. इस धरती का उद्धार करने के लिए श्री कृष्ण ने यहाँ जन्म लिया.
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प्रत्येक वर्ष हम सब भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में अत्यंत ही धूमधाम और भक्तिपूर्वक मनाते हैं.
श्री कृष्णा जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, श्री कृष्ण जयंती, कृष्णा जयंती और श्री जयंती के नाम से भी जाना जाता है.
इस दिन भक्तों द्वारा व्रत करने की भी परम्परा है. मध्य रात्री में जब भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था. भव्य पूजन किया जाता है.
भगवान श्री कृष्ण से जुड़े जगहों जैसे की मथुरा, वृन्दावन, बरसाना आदि जगहों पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी की भव्यता तो देखतें ही बनती है.
लाखों श्रद्धालु इस उपलक्ष्य में इन जगहों पर जमा होतें हैं.
विदेशों से भी लोग श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार देखने और मनाने इन जगहों पर आतें हैं.
महाराष्ट्र में तो इस दिन दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है.
चलिए अब हम सब साल 2025 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है? (Krishna Janmashtami 2025) के बारे में जानकारी प्राप्त करतें हैं.
Krishna Janmashtami 2025 – श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है?
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है.
साल 2025 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त 2025, दिन शुक्रवार और 16 अगस्त 2025, शनिवार को है.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2025 तारीख | 15 अगस्त 2025, शुक्रवार 16 अगस्त 2025, शनिवार |
Krishna Janmashtami 2025 Date | 15 August 2025, Friday 16 August 2025, Saturday |
Shree Krishna Janmashtami 2025 Vrat – श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कब है?
आप सबको बताना चाहूँगा की श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत 15 अगस्त 2025, शुक्रवार को किया जायेगा.
Shree Krishna Janmashtami 2025 Vrat – श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत | 15 अगस्त 2025, शुक्रवार |
श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव कब है?
श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव 16 अगस्त 2025, शनिवार को है.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव 2025 | 16 अगस्त 2025, शनिवार |
चलिए अब हम सब भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की जानकारी प्राप्त करतें हैं.
भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि
भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि अत्यंत ही पवित्र और शुभ तिथि है. इसी तिथि को ही जगत के पालनहार नटखट लाला, कृष्ण कन्हैया ने इस धरती पर जन्म लिया था.
इस संसार की धरती उनके जन्म से पवित्र हो गई है.
निचे टेबल के माध्यम से हमने भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी दी हुई है.
भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि प्रारम्भ | 15 अगस्त 2025, शुक्रवार 11:49 pm |
भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त | 16 अगस्त 2025, शनिवार 09:34 pm |
चलिए अब हम सब श्री कृष्ण जन्माष्टमी निशिता काल पूजा के शुभ मुहूर्त की जानकारी प्राप्त करतें हैं.
Shree Krishna Janmashtami Puja Muhurt
श्री कृष्ण जन्माष्टमी में पूजा निशिता काल में की जाने की परंपरा है. निचे टेबल में हमने श्री कृष्णा जन्माष्टमी निशिता काल पूजा का शुभ मुहूर्त दिया हुआ है.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी निशिता काल पूजा मुहूर्त प्रारंभ | 15 अगस्त 2025, शुक्रवार 11:49 pm |
जन्माष्टमी निशिता काल पूजा मुहूर्त समाप्त | 16 अगस्त 2025, शनिवार 12:15 am |
उपरोक्त टेबल में दिया गया समय झारखण्ड के रांची का है.
आप सबको बताना चाहूँगा की आपके शहर के अनुसार निशिता पूजा मुहूर्त में कुछ भिन्नता हो सकती है. जैसे की दिल्ली में निशिता पूजा का समय है 16 अगस्त 2025, शनिवार को 12:04 am से 12:47 am तक.
आप अपने शहर के अनुसार निशिता पूजा समय के लिये अपने पुरोहित से संपर्क करके और जानकारी ले सकतें हैं.
इस्कोन से जुड़े श्रद्धालुओं के लिए श्री कृष्णा जन्माष्टमी अलग तारीख पर है, जिसकी जानकारी हम यहाँ दे रहें हैं.
Shree Krishna Janmashtami 2025 (ISKCON)
इस्कोन से जुड़े श्रद्धालु श्री कृष्णा जन्माष्टमी व्रत 16 अगस्त 2025, शनिवार को करेंगे.
इन श्रद्धालुओं के लिये श्री कृष्ण जन्माष्टमी निशिता पूजा का समय है 17 अगस्त 2025, रविवार को 12:04 am से 12:47 am तक.
चलिए अब हम सब श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत करने के दिन और पारण के समय की जानकारी प्राप्त करतें हैं.
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कृष्ण जन्माष्टमी पारण का समय (Shree Krishna Janmashtami 2025 parana time)
श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत 15 अगस्त 2025, शुक्रवार को किया जायेगा. और व्रत का पारण 16 अगस्त 2025, शनिवार को किया जाएगा.
कुछ विशेष श्रद्धालुओं द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 16 अगस्त 2025, शनिवार को अष्टमी तिथि की समाप्ति के पश्चात व्रत का पारण किया जाएगा.
16 अगस्त 2025, शनिवार को अष्टमी तिथि 09:34 pm पर समाप्त हो रही है. इस तरह से 09:34 pm के बाद जन्माष्टमी व्रत का पारण किया जा सकता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह समय श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत का पारण के लिए सबसे शुभ होता है.
साधारण तौर पर श्रद्धालुओं द्वारा 15 अगस्त 2025, शुक्रवार को व्रत रखा जाएगा और निशिता काल में पूजा संपन्न करने के पश्चात 16 अगस्त 2025, शनिवार, को 12:15 am के बाद पारण कर लिया जाएगा. यह समय आपके शहर के अनुसार भिन्न हो सकता है. यह रांची झारखण्ड का समय है. दिल्ली के लिये 12:47 am के बाद.
विशेष श्रद्धालु 15 अगस्त 2025, शुक्रवार को व्रत रखेंगे और रात्रि में पूजन करेंगे और 16 अगस्त 2025, शनिवार, को प्रातः काल पूजन करने के पश्चात 05:25 am के बाद अपना पारण करेंगे.
इस्कोन से जुड़े श्रद्धालु 17 अगस्त 2025, रविवार को 05:25 am के पश्चात अपना पारण करेंगे.
अपने पुरोहित से या इस्कोन से जुड़े श्रद्धालु संस्था से समय की जानकारी कन्फर्म अवश्य कर लें.
Important point about Shri Krishna Janmashtami
श्री कृष्ण जन्माष्टमी से संबंद्धित कुछ बातें
- भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस को हम सब प्रत्येक वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं.
- भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को भगवान श्री विष्णु ने इस जगत के उद्धार के लिए कृष्ण के रूप में इस धरा पर जन्म लिया था.
- जन्माष्टमी का उत्सव श्री कृष्ण के भक्तों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण और पवित्र उत्सव है.
- इस दिन व्रत करना और श्री कृष्ण भगवान की स्तुति करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होता है.
- भगवान श्री कृष्ण से जुड़े स्थलों पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार अत्यंत ही भव्य रूप में मनाया जाता है.
- मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है.
- साथ ही श्री कृष्ण जन्म के समय विशेष पूजा की जाती है.
- लाखों श्रद्धालु इन आयोजनों में श्रद्धा पूर्वक भाग लेतें हैं.
Radha Ashtami date – राधा अष्टमी कब है?
आज के इस महत्वपूर्ण प्रकाशन को हम यहीं समाप्त कर रहें हैं.
आप सब श्री कृष्ण के भक्तों से हमारा नम्र निवेदन है की कृप्या एक बार प्रेम से बोले – जय श्री कृष्णा, राधे कृष्णा की जय.
आप सब अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में अवस्य लिखें.
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कृष्णा जन्माष्टमी भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है.
कृष्ण जन्माष्टमी में विशेष पूजा निशिता काल अर्थात मध्य रात्री को की जाती है.
भगवान श्री कृष्ण से जुड़े स्थलों, व्रज क्षेत्र जैसे की मथुरा, वृंदावन में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार अत्यंत ही भव्य तरीके से मनाया जाता है.
साथ ही महाराष्ट्र में इस दिन दही हांडी का उत्सव भी मनाया जाता है.
आप सभी को सोनाटुकु डॉट कॉम परिवार की तरफ से श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं.
जय श्री कृष्णा.