Vat Savitri Puja 2025 – इस पोस्ट में हम जानेंगे वट सावित्री पूजा कब है? वट सावित्री पूजा 2025 तारीख तथा वट सावित्री पूजा का महत्व. इसके अलावा वट सावित्री व्रत पूजा से संबंद्धित कुछ धार्मिक जानकारी.
नमस्कार, स्वागत है आप सबका सोनाटुकु डॉट कॉम पर. वट सावित्री व्रत का विवाहित सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत अधिक धार्मिक महत्व है.
सुहागिन महिलायें अपनी पति की आयु, कुशलता तथा अपनी सास, ससुर और ससुराल की कुशलता और खुशहाली के लिए वट सावित्री का व्रत करतीं हैं.
हमारे धार्मिक ग्रंथो में भी वट सावित्री व्रत की महिमा का वर्णन किया गया है. वट सावित्री व्रत की कथा सावित्री और सत्यवान से जुड़ी हुई है.
वट सावित्री पूजा में वट बृक्ष (बरगद बृक्ष) की पूजा की जाती है. सावित्री सत्यवान की कथा सुनी जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बरगद बृक्ष में त्रिदेव श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु और श्री महेश (शिव) का वास माना गया है.
वट बृक्ष के निचे पूजन, कथा श्रवण आदि से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. सौभाग्य में बृद्धि होती है. वट बृक्ष को दीर्घायु का प्रतिक मन गया है. हमारे देश में वट बृक्ष का बहुत अधिक धार्मिक महत्व है.
चलिए अब हम सब साल 2025 में वट सावित्री पूजा कब है? (Vat Savitri Puja 2025) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
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वट सावित्री पूजा कब की जाती है?
हमारे देश में वट सावित्री व्रत दो भिन्न दिनों में मनाने की परंपरा है. देश के अलग अलग भागों में यह दो भिन्न दिनों में मनाई जाती है.
उत्तर भारतीय राज्यों जैसे की उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली आदि में वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ महीने की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को मनाई जाती है.
वहीँ महाराष्ट्र, गुजरात तथा अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है.
इस तरह से उत्तर भारतीय राज्यों में वट सावित्री व्रत दक्षिण भारतीय राज्यों की तुलना में 15 दिन पहले मनाई जाती है.
आप सबको बता दें की सभी जगह वट सावित्री व्रत का समान महत्व है.
Vat Savitri Puja 2025 / वट सावित्री पूजा कब है?
Vat Savitri Puja 2025 / वट सावित्री पूजा कब है? | 26 मई 2025, सोमवार |
जैसा की मैंने आप लोगों को बताया की वट सावित्री व्रत उत्तर भारतीय राज्यों में ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को और दक्षिण भारतीय राज्यों में ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इसे वहां वट पूर्णिमा व्रत के नाम से भी जाना जाता है.
इस तरह से साल 2025 में वट सावित्री व्रत उत्तर भारतीय राज्यों में 26 मई 2025, दिन सोमवार को मनाई जायेगी.
वट सावित्री व्रत 2025 तारीख (उत्तर भारतीय राज्य) | 26 मई 2025, सोमवार |
Vat Savitri Vrat 2025 Date (North Indian States) | 26 May 2025, Monday |
ठीक इसी तरह दक्षिण भारतीय राज्यों में वट सावित्री व्रत 10 जून 2025, दिन मंगलवार को मनाई जायेगी.
वट सावित्री व्रत 2025 तारीख (दक्षिण भारतीय राज्य) | 10 जून 2025, मंगलवार |
Vat Savitri Vrat 2025 Date (South Indian States) | 10 June 2025, Tuesday |
दक्षिण भारतीय राज्यों में की जाने वाली वट सावित्री पूजा को वट पूर्णिमा पूजा कहा जाता है. जिससे संबंद्धित प्रकाशन का लिंक निचे दिया हुआ है.
Vat Purnima Vrat वट पूर्णिमा व्रत कब है?
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि की जानकारी
जैसा की आप सब लोगों को ज्ञात हो चूका है की वट सावित्री पूजा/व्रत ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को की जाती है. यहाँ हमने ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि की जानकारी दी हुई है.
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि प्रारंभ | 26 मई 2025, सोमवार 12:11 pm |
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि समाप्त | 27 मई 2025, मंगलवार 08:31 am |
वट सावित्री पूजा/व्रत का महत्व (Importance of Vat Savitri Puja)
- वट सावित्री व्रत एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है.
- हमारे देश में वट सावित्री व्रत का बहुत अधिक धार्मिक महत्व है.
- यह त्यौहार हमारे समाज में स्त्री के महत्व को दर्शाता है.
- वट सावित्री व्रत स्त्री के पतिव्रत धर्म और सतीत्व को महता प्रदान करता है.
- वट सावित्री व्रत प्रकृति से जुड़ा हुआ त्यौहार है.
- यह त्यौहार वट बृक्ष की महता को दर्शाता है.
- वट सावित्री व्रत हमारे हिन्दू धर्म की संस्कृति और महत्व को परिभाषित करता है.
- वट सावित्री व्रत के महत्व का वर्णन हमारे पौराणिक ग्रंथों में भी दिया हुआ है.
- यह व्रत सावित्री और सत्यवान से जुड़ा हुआ है.
- यह व्रत दर्शाता है की एक स्त्री के पतिव्रत धर्म और सतीत्व के आगे मृत्यु के देवता यमराज को भी झुकना पड़ता है.
- वट सावित्री व्रत एक स्त्री के ह्रदय में अपने पति और ससुराल के लिए जो स्थान है उसके महत्व को दर्शाता है.
वट सावित्री व्रत कथा
यहाँ हमने वट सावित्री व्रत कथा का विडियो दिया हुआ है. प्ले बटन दबाकर इस विडियो को आप यहीं देख सकतें हैं.
वट सावित्री पूजा में वट सावित्री व्रत कथा का बहुत अधिक महत्व है. इस कथा को अवश्य ही सुनना चाहिए.
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उत्तर भारतीय राज्यों में वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ महीने की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. सम्पूर्ण जानकारी सोनाटुकु डॉट कॉम पर दी गई है.
दक्षिण भारतीय राज्यों में वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इसे वट पूर्णिमा व्रत के नाम से भी जाना जाता है.
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