श्री गणपति गणेश की आराधना के लिए श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa in Hindi) का पाठ करना अत्यंत ही मंगलकारी माना गया है.
चालीसा पाठ से पूर्व हम कुछ बातों पर संक्षिप्त चर्चा कर लेतें हैं.
किसी भी शुभ कार्य से पूर्व भगवान श्री गणेश जी की पूजा करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी माना गया है.
धार्मिक मान्यता है की किसी भी शुभ कार्य को आरम्भ करने से पूर्व अगर श्री गणपति गणेश जी की पूजा आराधना की जाए तो वह कार्य निर्बिघ्न रूप से संपन्न हो जाता है.
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महादेव शिव और माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश जी प्रथम पूज्य है. उन्हें प्रथम पूज्य का वरदान प्राप्त है.
सभी देवों में सर्वप्रथम पूजा गणपति गणेश जी की ही होती है.
चलिए अब हम सब बिघ्नहर्ता मंगल मूर्ति गणपति गणेश जी की आराधना के लिए गणेश चालीसा का पाठ आरम्भ करतें हैं.
Shri Ganesh Chalisa in Hindi
|| श्री गणेश चालीसा ||
|| दोहा ||
जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल |
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल ||
|| चौपाई ||
जय जय जय गणपति गणराजू |
मंगल भरण करण शुभः काजू ||
जै गजबदन सदन सुखदाता |
विश्व विनायका बुद्धि विधाता ||
वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना |
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ||
राजत मणि मुक्तन उर माला |
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ||
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं |
मोदक भोग सुगन्धित फूलं ||
सुन्दर पीताम्बर तन साजित |
चरण पादुका मुनि मन राजित ||
धनि शिव सुवन षडानन भ्राता |
गौरी लालन विश्व-विख्याता ||
ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे |
मुषक वाहन सोहत द्वारे ||
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी |
अति शुची पावन मंगलकारी ||
एक समय गिरिराज कुमारी |
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ||
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा |
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ||
अतिथि जानी के गौरी सुखारी |
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ||
अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा |
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ||
मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला |
बिना गर्भ धारण यहि काला ||
गणनायक गुण ज्ञान निधाना |
पूजित प्रथम रूप भगवाना ||
अस कही अन्तर्धान रूप हवै |
पालना पर बालक स्वरूप हवै ||
बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना |
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ||
सकल मगन, सुखमंगल गावहिं |
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ||
शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं |
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ||
लखि अति आनन्द मंगल साजा |
देखन भी आये शनि राजा ||
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं |
बालक, देखन चाहत नाहीं ||
गिरिजा कछु मन भेद बढायो |
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ||
कहत लगे शनि, मन सकुचाई |
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ||
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ |
शनि सों बालक देखन कहयऊ ||
पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा |
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ||
गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी |
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ||
हाहाकार मच्यौ कैलाशा |
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ||
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो |
काटी चक्र सो गज सिर लाये ||
बालक के धड़ ऊपर धारयो |
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ||
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे |
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ||
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा |
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ||
चले षडानन, भरमि भुलाई |
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ||
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें |
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ||
धनि गणेश कही शिव हिये हरषे |
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ||
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई |
शेष सहसमुख सके न गाई ||
मैं मतिहीन मलीन दुखारी |
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ||
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा |
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ||
अब प्रभु दया दीना पर कीजै |
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ||
|| दोहा ||
श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान |
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान ||
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,
ऋषि पंचमी दिनेश |
पूरण चालीसा भयो,
मंगल मूर्ती गणेश ||
|| गणेश चालीसा समाप्त ||
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गणेश चालीसा का पाठ कैसे करें?
- भगवान श्री गणेश जी को बिघ्नहर्ता कहा गया है.
- श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa in Hindi) का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है.
- किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व श्री गणेश भगवान की आराधना करना, पूजन करना अत्यंत ही शुभ होता है.
- आप श्री गणेश जी के पूजा के समय श्री गणेश चालीसा का पाठ कर सकतें हैं.
- इससे वह शुभ कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो सकता है.
- गणेश जी से संबंद्धित त्योहारों जैसे की गणेश चतुर्थी आदि में तो श्री गणेश चालीसा का पाठ अवस्य करें.
- श्री गणेश चालीसा के पाठ से पूर्व स्नान आदि कर लें. सम्पूर्ण रूप से स्वच्छ और पवित्र होने के पश्चात ही श्री गणेश चालीसा का पाठ आरम्भ करें.
- गणेश चालीसा के पाठ के पश्चात श्री गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti) अवस्य करें.
Benefits of Shri Ganesh Chalisa | श्री गणेश चालीसा पाठ से लाभ
- गणेश जी की आराधना के लिए किये जाने वाले श्री गणेश चालीसा पाठ के लाभों का वर्णन करना अत्यंत ही कठिन कार्य है.
- बिघ्नहर्ता मंगलमूर्ति गणपति गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए श्री गणेश चालीसा का श्रद्धापूर्वक पाठ करें.
- धार्मिक मान्यता है की किसी भी शुभ कार्य से पूर्व गणपति पूजन करने से वह कार्य सफलतापूर्वक सम्पान हो जाता है.
- भगवान श्री गणपति गणेश जी बुद्धि और सिद्धि के दाता हैं.
- जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए श्री गणपति की आराधना करें.
- जहाँ श्री गणेश चालीसा का भक्तिपूर्वक पाठ किया जाता है वहां सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होने लगता है.
- समस्त संकटों और बिघ्न बाधा का नाश हो जाता है.
आज के इस पोस्ट को हम यहीं समाप्त कर रहें हैं. आप अपने विचार और सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकतें हैं.
श्री गणेश भगवान प्रथम पूज्य देव हैं.
किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पूर्व श्री गणेश जी की पूजा करना उत्तम माना गया है.
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