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Chhath Puja 2024 – छठ पूजा कब है? सम्पूर्ण जानकारी

Chhath Puja 2024 | छठ पूजा कब है? (Chhath Puja Kab Hai?) – इस पोस्ट में हम छठ पूजा 2024 से संबंद्धित जानकारी प्राप्त करेंगे.

इस पोस्ट में हम जानेंगे – छठ पूजा 2024 में कब है? दिन, तारीख के साथ अन्य बहुत सी महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी छठ पूजा 2024 से संबंधित इस पोस्ट में दी गयी है.

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छठ पूजा हम सबका एक प्रमुख पर्व है. इसे महापर्व भी कहा जाता है. ख़ास कर के बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, झारखण्ड में छठ पूजा बहुत ही धूमधाम और श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है.

छठ पर्व चार दिनों का महापर्व है. दिवाली के 6 दिन बाद छठ पर्व मनाया जाता है.

दिवाली के समाप्त होतें ही छठ पर्व की तैयारी शुरू हो जाती है. छठ पर्व को बहुत ही कठिन पर्व माना जाता है. इस पर्व में छठ व्रती को 36 घंटे का निर्जला व्रत रखना पड़ता है. इस व्रत में पानी की एक बूंद भी छठ व्रती नहीं ग्रहण कर सकती है.

छठ व्रत में स्वच्छता और पवित्रता का भी उच्चतम ध्यान रखना पड़ता है. पर्व से संबंद्धित सभी सामग्रियों को पवित्रता का सम्पूर्ण ख्याल रखा जाता है.

प्रेम से बोलिए छठी मैया की जय और हम सब छठ पूजा 2024 (Chhath Puja 2024) के बारे में अब जानकारी प्राप्त करतें हैं.

Chhath Puja 2024 – छठ पूजा कब है? (Chhath Puja Kab Hai?)

छठ पूजा चार दिनों का महापर्व है. यह मुख्य रूप से कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी और सप्तमी तिथि को मनाई जाती है.

महापर्व छठ नहाय-खाय से शुरू होती है और सूर्य को प्रातः काल अर्घ्य देकर पारण के साथ समाप्त होती है.

इस साल यानी की 2024 में छठ पूजा 05 नवम्बर से शुरू होगी और 08 नवम्बर को समाप्त होगी.

छठ पूजा 2024 प्रारम्भ
Chhath Puja 2024 start
05 नवम्बर 2024, मंगलवार
छठ पूजा 2024 समाप्त
Chhath Puja 2024 End
08 नवम्बर 2024, शुक्रवार

निचे हमने इस संबंद्ध में सम्पूर्ण जानकारी विस्तार से दी हुई है.

छठ पूजा 2024 नहाय-खाय

नहाय-खाय से छठ पर्व की शुरुआत होती है. नहाय-खाय कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को होती है.

इस साल छठ पूजा 2024 का नहाय-खाय 05 नवम्बर 2024, मंगलवार को है.

छठ पूजा 2024 नहाय-खाय05 नवम्बर 2024, मंगलवार
Chhath Puja 2024 Nahay-khay05 November 2024, Tuesday

छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से ही होती है. इस दिन सम्पूर्ण घर को स्वच्छ और पवित्र किया जाता है. इस दिन कद्दू (लौकी) की सब्जी और चावल बनाई जाती है.

इस दिन गेहूं और पूजा से संबंद्धित अन्य सामानों को साफ़ किया जाता है.

छठ पूजा 2024 खरना

नहाय-खाय के दुसरे दिन खरना मनाई जाती है. छठ पूजा खरना कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है.

छठ पूजा के खरना को लोहंडा भी कहा जाता है.

इस साल यानी की छठ पूजा 2024 का खरना 06 नवम्बर 2024, दिन बुधवार को है.

छठ पूजा 2024 खरना06 नवम्बर 2024, बुधवार
Chhath Puja 2024 Kharna06 November 2024, Wednesday

खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है. इस दिन छठ व्रती प्रातः काल से संध्या काल तक निर्जला व्रत रखती है. सायं काल में गुड़ और चावल की खीर और पूरी बनाई जाती है.

खीर, गुड़ की पूरी, फल आदि प्रसाद से खरना पूजन छठ व्रती के द्वारा किया जाता है.

फिर छठ व्रती इस प्रसाद का सेवन करती है. छठ व्रती के लिए इस प्रसाद के सेवन के पश्चात लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ हो जाता है. इस बिच छठ व्रती एक बूंद पानी भी ग्रहण नहीं कर सकती है.

खरना के दिन घर के सभी लोग इसी प्रसाद का सेवन करतें हैं.

छठ पूजा 2024 संध्या अर्घ्य (Chhath Puja Sandhyakalin Arghya)

खरना के बाद वाले दिन को छठ पूजा का संध्या अर्घ्य होता है. यह छठ पूजा का तीसरा दिन होता है.

छठ पूजा का संध्या अर्घ्य जिसे आम बोलचाल की भाषा में संझकार अर्घ भी कहा जाता है, यह कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है.

इस साल यानी की छठ पूजा 2024 संध्या अर्घ्य 07 नवम्बर 2024, दिन गुरुवार को है.

छठ पूजा 2024 संध्या अर्घ्य07 नवम्बर 2024, गुरुवार
Chhath Puja 2024 Sandhya Arghya07 November 2024, Thursday

यह छठ पूजा का बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होता है. इस दिन प्रातः काल से ही घर के सभी लोग स्नान आदि करने के पश्चात पूजा की तैयारी में लग जातें हैं.

फल, प्रसाद आदि का इंतजाम किया जाता है. इस दिन पूजा के प्रसाद के रूप में ठकुआ या ठेकुआ, भुसवा (चावल के आटे का लड्डू) आदि बनाया जाता है.

छठ पूजा के सभी प्रसाद को बांस की सूप और दउरा आदि में रखा जाता है.

इस दिन छठ व्रती के साथ घर के अन्य लोग किसी नदी या तालाब के किनारे छठ घाट पर जातें हैं.

वहां सभी प्रसाद आदि को रखा जाता है. धूप दीप जलाया जाता है. छठी मैया की गीत गाये जातें हैं.

सूर्यास्त से कुछ समय पहले छठ व्रती पानी में उतरती है. और स्नान करने के पश्चात पानी में खड़े रहकर सूर्य देव का ध्यान करती है.

फिर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. यह सूर्य देव का संध्याकालीन अर्घ्य होता है. इस कारण से इस दिन को छठ पूजा का संध्या अर्घ्य कहा जाता है.

छठ पूजा 2024 प्रातः अर्घ्य या उषा अर्घ्य और पारण

यह छठ पूजा का अंतिम दिन होता है. छठ पूजा के संध्या अर्घ्य के बाद वाले दिन को प्रातः काल में सूर्य देव को प्रातः कालीन अर्घ्य दिया जाता है.

छठ पूजा का प्रातःकाल अर्घ्य कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को होता है.

प्रातः काल के अर्घ्य को आम बोलचाल की भाषा में भोरकार अर्घ्य भी कहा जाता है.

इस साल यानी की छठ पूजा 2024 प्रातः काल अर्घ्य 08 नवम्बर 2024 दिन शुक्रवार को है.

छठ पूजा 2024 प्रातः अर्घ्य और पारण08 नवम्बर 2024, शुक्रवार
Chhath Puja 2024 Pratah Arghya and Paaran08 November 2024, Friday

यह छठ पर्व का चौथा दिन होता है. इस दिन सूर्योदय से पहले ही छठ व्रती के साथ परिवार के अन्य लोग नदी या तालाब के छठ घाट पर प्रसाद आदि के साथ पहुँच जातें हैं.

धूप और दीप जलाया जाता है. लोग आतिशबाजी भी करते हैं. छठ पर्व के गीत गाये जातें हैं.

उसके पश्चात छठ व्रती पानी में उतरकर स्नान करने के पश्चात सूर्य देव का ध्यान करती है. फिर सूर्य देव को प्रातः काल का अर्घ्य दिया जाता है.

इसके पश्चात छठ घाट पर हवन किया जाता है.

प्रातः काल उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ व्रत समाप्त होता है. और छठ व्रती द्वारा सूर्य देव और छठी मैया की पूजा आराधना करने के पश्चात पारण के साथ छठ व्रत समाप्त किया जाता है.

छठ पूजा (Chhath Puja) का महत्व

  • छठ पूजा आदि पुरातन काल से की जाने वाली एक महत्वपूर्ण पूजा है.
  • यह त्यौहार सीधे प्रकृति से मनुष्य को जोड़ने वाला त्यौहार है.
  • छठ पूजा में भगवान सूर्य देव और छठी मैया की पूजा आराधना की जाती है.
  • सूर्य देव हमारे साक्षात् देव हैं.
  • अन्य देवी देवताओं के हम साक्षात दर्शन नहीं कर सकतें हैं. परन्तु सूर्य देव को हम साक्षात दर्शन कर सकतें हैं.
  • छठ पर्व में हम भगवान सूर्य देव को संध्या काल में भी अर्घ्य देतें हैं और प्रातः काल में भी.
  • छठ पर्व को महा पर्व कहा जाता है.
  • छठ व्रत अत्यंत ही कठिन व्रत है.
  • इस व्रत में लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है.
  • व्रत के दौरान छठ व्रती जल की एक बूंद भी ग्रहण नहीं कर सकती है.
  • छठ पर्व स्वच्छता और पवित्रता की भावना को भी बढ़ावा देता है.
  • छठ पूजा में स्वच्छता और पवित्रता का सम्पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाता है.
  • इस व्रत की महिमा बहुत है.

हमारे यहाँ भी प्रत्येक वर्ष छठ पूजा की जाती है. बोलिए छठी मैया की जय.

छठ पूजा से संबंद्धित कुछ जानकारी

छठ पूजा में किसकी आराधना की जाती है?

महापर्व छठ पूजा में भगवान सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की जाती है.

छठ पूजा कब मनाई जाती है?

प्रत्येक वर्ष छठ पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी और सप्तमी तिथि को मनाई जाती है. यह तिथि अक्टूबर या नवम्बर में पड़ती है.

छठ पूजा को अन्य किन नामों से जाना जाता है.

महापर्व छठ को छठ, छठ पर्व, छठ पूजा, षष्ठी, सूर्य षष्ठी आदि नामों से जाना जाता है.

छठ कितने दिन का पर्व है?

छठ पर्व चार दिनों का पर्व है. नहाय-खाय से छठ पर्व की शुरुआत होती है और सूर्य को प्रातः काल अर्घ्य और पारण के साथ समाप्त होती है.

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