Diwali 2024 Date – आज के इस पोस्ट में हम दिवाली से संबंद्धित सपूर्ण बातों पर चर्चा करेंगे जैसे की दिवाली कब मनाई जाती है? दिवाली 2024 में कब है? दिवाली 2024 तारीख, दिवाली में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, दिवाली का क्या महत्व है? दिवाली क्यों मनाई जाती है? दिवाली कैसे मनाएं? आदि.
नमस्कार, आपका स्वागत है sonatuku.com में.
Diwali – दिवाली – Deepawali – दीपावली
दिवाली हम सबका सबसे बड़ा और प्रमुख त्यौहार है. इसे दीपों का त्यौहार भी कहा जाता है.
यह अंधकार पर प्रकाश की जीत का त्यौहार है. इसे हम यूँ भी कह सकतें हैं की दिवाली नकारात्मकता पर सकारात्मकता की जीत का त्यौहार है.
भारत के साथ अन्य देशों में भी दिवाली का त्यौहार अत्यंत ही धूमधाम, और हर्ष – उल्लास के साथ मनाया जाता है.
यह दिन हिन्दुओं के साथ सिख, जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन होता है.
दिवाली रौशनी का त्यौहार है. इसे हम सब दीपोत्सव भी कहतें हैं.
वैसे तो दिवाली एक ही दिन मनाई जाती है. परन्तु यह पाँच दिनों का त्यौहार है.
इस त्यौहार की शुरुआत धनतेरस से होती है और भाई दूज पर समाप्त होती है. धनतेरस के बाद छोटी दिवाली मनाई जाती है. उसके बाद दिवाली.
दिवाली कब है? (Diwali Kab Hai?)
दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है.
मुख्य रूप से यह तिथि अक्टूबर या नवम्बर को पड़ती है.
दिवाली 2024 में कब है? (Diwali 2024 Date)
साल 2024 में दिवाली का त्यौहार 01 नवम्बर 2024, दिन शुक्रवार को मनाई जायेगी.
त्यौहार | तारीख और दिन |
दिवाली 2024 | 01 – 11 – 2024 (01 नवम्बर 2024) शुक्रवार |
दिवाली 2024 लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त
साल 2024 में लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त होता है प्रदोष काल के साथ स्थिर लग्न का समय.
वैसे आप प्रदोष काल में भी दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा कर सकतें हैं. प्रदोष काल में भी दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन करना शुभ फलदायक होता है.
प्रदोष काल का समय निचे टेबल में दिया हुआ है.
मुहूर्त | दिन और समय |
दिवाली प्रदोष काल शुभ मुहूर्त | 01 नवम्बर 2024, शुक्रवार सायंकाल 05:36 पी एम से लेकर 06:16 पी एम तक |
उपर बताया गया शुभ मुहूर्त का समय सबसे उत्तम है.
परन्तु ऐसी मान्यता है की अगर प्रदोष काल के साथ स्थिर लग्न में दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन किया जाए तो माता लक्ष्मी स्थिर होकर उस साधक के यहाँ वास करती है.
इस कारण से प्रदोष काल में स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन सबसे शुभ और श्रेस्ठ माना गया है.
दिवाली के दिन प्रदोष काल में स्थिर लग्न वृषभ लग्न का संयोग बन रहा है. जो की लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे उत्तम है.
आप सब भी अगर संभव हो तो इसी समय में लक्ष्मी पूजन करें.
निचे टेबल में हमने प्रदोष काल का समय दिया है.
त्यौहार पूजन | तारीख और दिन | शुभ मुहूर्त |
दिवाली लक्ष्मी पूजन | 01 नवम्बर 2024 दिन – शुक्रवार | सायंकाल 05:36 पी एम से लेकर 08:11 पी एम तक |
इसके अलावा आप निशिता काल में भी दिवाली की लक्ष्मी पूजा कर सकतें हैं. निशिता काल का समय निचे टेबल में दिया हुआ है. परन्तु इस वर्ष निशिता काल में लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त नहीं है. यहाँ हमने निशिता काल का समय दिया हुआ है.
त्यौहार पूजन | तारीख और दिन | शुभ मुहूर्त |
दिवाली निशिता काल लक्ष्मी पूजा | 01 नवम्बर 2024, शुक्रवार 02 नवम्बर 2024, शनिवार | रात्री 11:39 पी एम से 12:31 ए एम |
इसके अलावा शुभ चौघड़िया मुहूर्त के हिसाब से भी दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है. जिसके बारे में कुछ ज्योतिष की मान्यता है की इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन किया जा सकता है. परन्तु यह उपर बताये मुहूर्त के सामान शुभ फलदायक नहीं होता है.
दिवाली में लक्ष्मी गणेश पूजन कैसे करें?
दिवाली में लक्ष्मी गणेश पूजन आप किसी पंडित से ही करवाएं तो यह उत्तम होता है.
अगर आप खुद से दिवाली की लक्ष्मी गणेश पूजन करना चाहतें हैं तो कर सकतें हैं.
इस दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि करने के पश्चात स्वच्छ और पवित्र वस्त्र धारण करें. फिर अपने कुल देवी देवता और पूर्वजों का आश्रीवाद लें.
आप इस दिन उपवास रख सकतें हैं. सायंकाल में लक्ष्मी गणेश पूजन के पश्चात ही अन्न ग्रहण करें.
दिवाली के दिन पाने घर को स्वच्छ और पवित्र रखें. साथ ही अपने घर के मुख्य द्वार को केले पत्ते, आम के पत्ते, पुष्प आदि से सजाएँ. आप रंगोली भी बना सकतें हैं.
साथ ही नारियल का कलश भी मुख्य द्वार के दोनों तरफ रखना शुभ माना जाता है.
अगर आप खुद से दिवाली पूजा लक्ष्मी गणेश पूजा करना चाहतें हैं तो निचे हम संक्षिप्त विधि दे रहें हैं.
दिवाली पूजा लक्ष्मी गणेश पूजा विधि
सायं काल में बताये गए शुभ मुहूर्त में स्नान आदि करने के पश्चात स्वच्छ और पवित्र वस्त्र धारण करें.
फिर आप पूजा करने वाली चौकी पर एक स्वच्छ लाल आसन बिछाएं.
इस पर माता लक्ष्मी और श्री गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें.
धुप दीप दिखाएँ.
अक्षत, चंदन, सिंदूर आदि चढ़ाएं.
पुष्प, पुष्प माला, दूर्वा, बिल्वपत्र अर्पित करें.
सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ श्री गणपति गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें.
प्रसाद का भोग लगायें.
फिर आरती करें.
दिवाली क्यों मनाई जाती है?
दिवाली मनाने के पीछे कई कथाएं हैं.
मान्यताओं के अनुसार प्रभु श्री रामचंद्र अपने 14 वर्षों का वनवास समाप्त कर दिवाली के दिन ही अयोध्या लौटे थे.
तब अयोध्या वासियों ने अपने इष्ट प्रभु राम के वापसी की ख़ुशी में घी के दिए जलाये थे.
कार्तिक महीने की अमावस्या की रात्री दीयों के रौशनी से जगमगा उठी थी.
दिवाली का उत्सव अन्धकार पर प्रकाश के विजय का प्रतिक है. तभी से दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाने लगा.
एक अन्य धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था. इसकी ख़ुशी में लोगों ने दीपक जलाकर खुशियां मनाई थी.
एक और मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन से धन्वन्तरि और माता लक्ष्मी के प्रकट होने की ख़ुशी में दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है.
दिवाली का महत्व
दिवाली अंधकार पर प्रकाश की विजय के प्रतिक के रूप में मनाई जाती है.
यह त्यौहार खुशियों का त्यौहार है.
दिवाली धन समृद्धि की वृद्धि का त्यौहार है.
व्यापारियों और व्यवसाय करने वालों के लिए दिवाली सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है. इस दिन से ही अधिकतर व्यापारी अपना नया खाता लक्ष्मी पूजा के बाद शुरू करते हैं.
दिवाली एक मायनों में साफ़ सफाई का भी त्यौहार है. दिवाली आने के पूर्व से ही लोग अपने घरों और दूकान आदि की साफ़ सफाई, रंग रोगन आदि करतें हैं.
दिवाली का बहुत अधिक आध्यात्मिक महत्व भी है.
साथ ही दिवाली का बहुत अधिक आर्थिक महत्व भी है. दिवाली के दिन लोग सोना, चाँदी, गाड़ियाँ, जमीन आदि खरीदतें हैं.
दिवाली कैसे मनाएं?
दिवाली सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान् श्री गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हुए मनाएं.
अपने घर और आस पास को साफ़ और स्वच्छ बनाएं.
घर को सुन्दर तरीके से सजाएं.
इस दिन पटाखे आदि जलाने की परम्परा है. आप पटाखे कम से कम जलाएं. इससे वायु प्रदुषण होता है. साथ ही इससे अन्य जीव जंतुओं को तकलीफ होती है.
मिटटी के दिए जलाएं. इससे गरीब लोगों को रोजगार मिलता है.
अन्य लोगों की सहायता करें इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और सुख समृद्धि में बृद्धि होती है.
आप सभी को सोना टुकु परिवार की तरफ से दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं.
दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है.
इस पोस्ट से संबंद्धित अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में लिखें.
अन्य त्योहारों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें.
Holi Kab Hai? होली कब है? सभी जानकारी
शिवरात्रि – महाशिवरात्रि कब है? पूजा विधि
हनुमान जयंती Hanuman Jayanti – सम्पूर्ण जानकारी एक ही जगह