Ganga Saptami 2025 | गंगा सप्तमी कब है?

Ganga Saptami | गंगा सप्तमी – गंगा सप्तमी को गंगा जयंती (Ganga Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है. इस पोस्ट में हम सब गंगा सप्तमी कब है? गंगा सप्तमी 2025 तारीख (Ganga Saptami 2025 Date) तथा गंगा सप्तमी का महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.

जानिये Ganga Dussehra Date – गंगा दशहरा कब है?

नमस्कार, स्वागत है आप सबका सोनाटुकु डॉट कॉम पर. गंगा मैया की पूजा करने और गंगा मैया की आराधना और स्तुति करने के लिए गंगा सप्तमी जिसे हम सब गंगा जयंती भी कहतें हैं, एक अत्यंत ही शुभ और महत्वपूर्ण दिन है.

माँ गंगा का हमारे देश में बहुत अधिक धार्मिक महत्व है. धार्मिक कथाओं के अनुसार गंगा सप्तमी के दिन गंगा का पुनर्जन्म हुआ था. इस संबंद्ध में हम आगे इस पोस्ट में चर्चा करेंगे.

चलिए सबसे पहले हम साल 2025 में गंगा सप्तमी कब है? के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.

Ganga Saptami 2025 – गंगा सप्तमी कब है? गंगा जयंती कब है?

Ganga Saptami

वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी या गंगा जयंती मनाई जाती है.

साल 2025 में गंगा सप्तमी 03 मई 2025, दिन शनिवार को है. इसी दिन गंगा जी की जयंती भी मनाई जायेगी.

गंगा सप्तमी 202503 मई 2025, शनिवार
Ganga Saptami 2025 Date03 May 2025, Saturday

अब हम वैशाख महीने की सप्तमी तिथि कब प्रारंभ हो रही है और कब समाप्त हो रही है? के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.

वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि के बारे में जानकारी

Ganga Saptami

जैसा की आप सब लोगों को जानकारी हो चुकी है की गंगा जयंती या गंगा सप्तमी वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि को मनाई जाती है. इस कारण से हमने यहाँ वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी दी हुई है.

वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि प्रारंभ03 मई 2025, शनिवार
07:51 am
वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि समाप्त04 मई 2025, रविवार
07:18 am

गंगा सप्तमी या गंगा जयंती से संबंद्धित कथा

गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के दिन गंगा इस पृथ्वी पर अवतरित हुई थी. गंगा का प्रवाह इतना तेज था की इससे गंगा के पाताल में समा जाने या इस पृथ्वी के असंतुलित हो जाने का खतरा था. इस कारण से महादेव शिव ने अपने जटा में गंगा को समा लिया.

कुछ समय के पश्चात महादेव शिव ने गंगा को अपनी जटा से मुक्त किया, ताकि गंगा भगीरथ के पूर्वजों को मुक्ति प्रदान कर सके. गंगा भगीरथ के बताये रास्ते पर चलने लगी.

रास्तें में गंगा के प्रचंड वेग से ऋषि जाहनु का आश्रम नष्ट हो गया. इससे ऋषि जाहनु कुपित हो गए. उन्होंने सम्पूर्ण गंगा के जल को पी लिया.

इस घटना के पश्चात भगीरथ और अन्य देवताओं ने ऋषि जाहनु से गंगा को मुक्त करने के लिए प्रार्थना की ताकि गंगा इस जगत के जनों का कल्याण कर सके.

इस पर ऋषि जाहनु ने गंगा को अपने कान से प्रवाहित कर मुक्त कर दिया और गंगा अपने पथ पर अग्रसर हो चली.

धार्मिक कथाओं के अनुसार ऋषि जाहनु ने गंगा को वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मुक्त किया था. इस कारण से इस दिन को गंगा के पुनर्जन्म के नाम से भी जाना जाता है और इसे गंगा जयंती और जाहनु सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है.

इस घटना के कारण गंगा का एक नाम ऋषि जाहनु की पुत्री जाह्नवी भी है.

गंगा सप्तमी का महत्व (Importance of Ganga Saptami)

  • गंगा सप्तमी माँ गंगा की आराधना और स्तुति करने का एक पवित्र और उत्तम दिन है.
  • इस दिन गंगा माँ की पूजा करना और उनकी आराधना करना अत्यंत ही शुभ माना गया है.
  • गंगा सप्तमी के दिन गंगा में स्नान करने का भी अत्यंत ही धार्मिक महत्व है.
  • गंगा माता इस जगत के समस्त प्राणियों के पापों को नष्ट करने की शक्ति रहती है.
  • इस जगत को पवित्र करने की शक्ति माँ गंगा में है.
  • गंगा से हमारा आध्यात्मिक और धार्मिक जुड़ाव सदियों से रहा है.
  • गंगा को स्वच्छ और निर्मल रखने का प्रण लेने का यह एक उत्तम दिन है.

इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट में अवस्य लिखियेगा. कमेंट बॉक्स में जय गंगा मैया अवस्य लिखिए.

गंगा सप्तमी कब मनाई जाती है?

वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है.

गंगा सप्तमी को और अन्य किन नामों से जाना जाता है?

गंगा सप्तमी को गंगा जयंती और जाहनु सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है.

कुछ अन्य प्रकाशन –

यमुना छठ कब है? तारीख और महत्व (Yamuna Chhath date)

Navratri – नवरात्रि कब है?

Raksha Bandhan – रक्षा बंधन कब है?

Ganesh Chaturthi Date, Time – When Ganesh Chaturthi

Leave a Comment