Govardhan Puja 2024 गोवर्धन पूजा 2024 – इस पोस्ट में हम गोवर्धन पूजा के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे.
गोवर्धन पूजा कब है? गोवर्धन पूजा 2024 तारीख और समय, गोवर्धन पूजा का क्या महत्व है? गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है? गोवर्धन पूजा की विधि आदि.
नमस्कार, आपका स्वागत है sonatuku.com में.
तो सबसे पहले हम गोवर्धन पूजा से संबंधित कुछ बातों को जान लेतें हैं.
Govardhan Puja गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा हमारे देश का एक प्रमुख त्यौहार है. इस त्यौहार को हम सब अन्नकूट पूजा भी कहतें हैं.
यह त्यौहार मनुष्य को प्रकृति से सीधे जोड़ता है.
गोवर्धन पूजा भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण त्यौहार है. इस त्यौहार में गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है.
साथ ही भगवान श्री कृष्ण की स्तुति भी की जाती है.
इसके अलावा गोवर्धन पूजा में गौ माता की भी पूजा की जाती है.
भारतीय धर्म और संस्कृति में गाय को माता के सामान दर्जा दिया गया है.
गाय माता को अत्यंत ही पवित्र और देवी लक्ष्मी का स्वरुप माना गया है.
गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन मनाई जाती है. गोवर्धन पूजा के बाद वाले दिन को भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है.
गोवर्धन पूजा कब है? (Govardhan Puja Kab Hai?)
गोवर्धन पूजा प्रत्येक वर्ष कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है. अधिकतर यह दिवाली के बाद वाले दिन को मनाई जाती है.
यह त्यौहार सम्पूर्ण भारत के साथ-साथ विश्व के अन्य देशों में भी मनाया जाता है.
अब हम साल 2024 में गोवर्धन पूजा कब है? के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
गोवर्धन पूजा 2024 तारीख (Govardhan Puja 2024 Date)
साल 2024 में गोवर्धन पूजा 02 नवम्बर 2024, दिन शनिवार को है.
त्यौहार | तारीख और दिन |
गोवर्धन पूजा 2024 | 02 नवम्बर 2024, शनिवार |
गोवर्धन पूजा 2024 शुभ मुहूर्त समय
गोवर्धन पूजा के लिए प्रातः काल और संध्कायाकाळ शुभ मुहूर्त निचे टेबल में दिया हुआ है.
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल शुभ मुहूर्त
त्यौहार पूजा | शुभ मुहूर्त समय |
गोवर्धन पूजा 2024 प्रातः काल पूजा | 02 नवम्बर 2024, शनिवार 6:34 ए एम से 8:46 ए एम |
गोवर्धन पूजा संध्याकाल शुभ मुहूर्त
त्यौहार पूजा | शुभ मुहूर्त समय |
गोवर्धन पूजा 2024 संध्याकाल पूजा | 02 नवम्बर 2024, शनिवार 03:23 pm – 05:35 pm |
जैसा की मैंने आप सब लोगों को बताया है की गोवर्धन पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि (प्रथम) को मनाई जाती है. तो हम प्रतिपदा तिथि प्रारंभ और समाप्त होने के समय के बारे में जान लेतें हैं.
प्रतिपदा तिथि समय
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ | 01 नवम्बर 2024, शुक्रवार 06:16 पी एम |
प्रतिपदा तिथि समाप्त | 02 नवम्बर 2024, शनिवार 08:21 पी एम |
गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है?
गोवर्धन पूजा मनाने का सीधा संबंद्ध भगवान श्री कृष्ण से है.
इस संबंद्ध में एक कथा प्रचलित है. इस कथा के अनुसार इंद्र देव को अभिमान हो गया. भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देव के अभिमान को तोड़ने के लिए एक लीला रची.
जब सभी लोग इंद्र देव की पूजा की तैयारी कर रहे थे तो श्री कृष्ण ने उन्हें इंद्र देव की पूजा करने के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा.
भगवान श्री कृष्ण की बात मानकर लोगों ने इंद्र देव के बदले गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे. इससे इंद्र देव क्रोद्धित हो गए.
उन्होंने भयंकर वर्षा प्रारम्भ कर दी. सभी लोग त्राहि त्राहि करने लगे. इस पर भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठा लिया.
सभी बृजवासी अपने गायों के साथ गोवर्धन पर्वत के निचे शरण ले लिए.
इंद्र लगातार सात दिनों तक भयंकर वर्षा करते रहे और कृष्ण गोवर्धन पर्वत को उठाये रहे. तब इंद्र देव को एहसास हुआ की श्री कृष्ण कोई साधारण मनुष्य नहीं है. वे भगवान ब्रह्मा के पास गए. ब्रह्मा ने उन्हें सत्य से अवगत करवाया की श्री कृष्ण स्वयं भगवान विष्णु के अवतार हैं.
इस पर इंद्र देव को अपनी भूल का एहसास हुआ. उन्होंने श्री कृष्ण से माफ़ी मांगी. तब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को निचे रखा.
इसके बाद सभी बृजवासी अन्नकूट और गोवर्धन की पूजा की. तभी से प्रत्येक वर्ष गोवर्धन पूजा की जाने लगी.
बृजवासी इस दिन गायों के साथ साथ गोवर्धन पर्वत की भी पूजा करतें हैं.
अन्य जगहों पर गोवर्धन पर्वत के प्रतिक को बनाकर उसकी पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन गायों को भी पूजा की जाती है.
गोवर्धन पूजा के दिन गाय बैल आदि को स्नान कराके रंग लगाया जाता है. साथ ही नयी रस्सी डाली जाती है. इस दिन गायों और बैलों को चावल और गुड़ मिलाकर खिलाया जाता है.
गोवर्धन पूजा का महत्व
गोवर्धन पूजा मनुष्य को प्रकृति से जोड़ती है. इस त्यौहार के माध्यम से हम प्रकृति की पूजा करतें हैं.
इस त्यौहार में हम गोवर्धन पर्वत की पूजा करतें हैं जो की हमें बताती है की प्रकृति की रक्षा और प्रकृति से सामंजस्य बना कर रहना ही मनुष्य के हित में है.
दूसरी गोवर्धन पूजा में हम सब गाय और गौवंश की पूजा करतें हैं. गाय में तैतीस करोड़ देवताओं का वास माना गया है.
यह त्यौहार हम सबको गाय की महता बताती है.
आध्यात्मिक रूप से गोवर्धन पूजा भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ है. श्री कृष्ण की भक्ति से मनुष्य को आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है.
गोवर्धन पूजा विधि
गोवर्धन पूजा की विधि के लिए हमने कुछ यूट्यूब विडियो निचे दिए हुए हैं. आप इन विडियो को देखकर जानकारी प्राप्त कर सकतें हैं.
गोवर्धन पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि (प्रथम) को मनाई जाती है.
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