Kurma Jayanti 2025 | कूर्म जयंती 2025 – भगवान श्री विष्णु ने कुर्म या कच्छप के रूप में अपना दूसरा अवतार लिया था.
हम सब श्री विष्णु भगवान के कूर्म या कच्छप अवतार लेने के उपलक्ष्य को कूर्म जयंती के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाते हैं.
नमस्कार, स्वागत है आप सबका सोनाटुकु डॉट कॉम पर. इस अंक में आज हम जानेंगे कूर्म जयंती कब है? कूर्म जयंती 2025 तारीख (Kurma Jayanti 2025 Date) तथा कूर्म जयंती का महत्व.
भगवान श्री विष्णु के दस अवतारों में कूर्म अवतार दूसरा अवतार है. समुद्र मंथन में श्री विष्णु के इस अवतार की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.
कूर्म जयंती में हम सब श्री विष्णु के इस अवतार की पूजा आराधना करतें हैं. इस दिन श्री विष्णु की पूजा करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है.
इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है.
चलिए अब हम सब 2025 में कूर्म जयंती कब है? के बारे में जानकारी प्राप्त करतें हैं.
कूर्म जयंती कब है? Kurma Jayanti 2025 Date
भगवान श्री विष्णु के कूर्म अवतार लेने के उपलक्ष्य को हम सब कूर्म जयंती के रूप में मनाते हैं. प्रत्येक वर्ष कूर्म जयंती वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है.
साल 2025 में कुर्म जयंती 12 मई 2025, दिन सोमवार को मनाई जायेगी.
कूर्म जयंती 2025 तारीख | 12 मई 2025, सोमवार |
Kurma Jayanti 2025 Date | 12 May 2025, Monday |
अब हम वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि की जानकारी
चूँकि कूर्म जयंती वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस कारण से हमने वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी यहाँ दी हुई है.
वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि प्रारंभ | 11 मई 2025, रविवार 08:01 pm |
वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि समाप्त | 12 मई 2025, सोमवार 10:25 pm |
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कूर्म जयंती का महत्व (Importance of Kurma Jayanti)
- भगवान श्री विष्णु ने अपने दुसरे अवतार के रूप में कूर्म या कछुआ का रूप धरा था.
- समुद्र मंथन में मंदराचल पर्वत को उठाने के लिए श्री विष्णु ने कच्छप रूप में अवतार लिया था.
- यह दिन श्री विष्णु के भक्तों के लिए बहुत ही शुभ और पवित्र दिन होता है.
- इस दिन श्री विष्णु की पूजा आराधना करने का बहुत अधिक धार्मिक महत्व माना गया है.
- श्री विष्णु की आराधन इस दिन अवस्य करनी चाहिए.
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
- इस दिन व्रत भी रख सकतें हैं.
- पवित्र नदियों में स्नान करने का भी विशेष महत्व दिया गया है.
- कूर्म जयंती के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने और दान देने का भी धार्मिक महत्व माना गया है.
- इस दिन निर्धनों को दान दें.
- किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना गया है.
आज के इस अंक में बस इतना ही. आप सब अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में अवस्य लिखें.
वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को कूर्म जयंती मनाई जाती है.
वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को भगवान श्री विष्णु ने कूर्म अर्थात कछुआ रूप में अवतार लिया था. इस कारण से इस तिथि को कूर्म जयंती मनाई जाती है.
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